TRAI का स्पैमिंग के खिलाफ बड़ा एक्शन, 2.75 लाख मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट, 50 संस्थाएं ब्लैकलिस्ट

ट्राई ने बताया कि स्पैमिंग के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए 13 अगस्त, 2024 को सभी टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को कड़े निर्देश जारी किए गए. इसके साथ ही ट्राई ने सेवा प्रदाताओं को एसआईपी, पीआरआई या अन्य दूरसंचार संसाधनों का उपयोग करने वाले यूटीएम के सभी वॉयस कॉल तुरंत रोकने का आदेश दिया.

ट्राई के इस फैसले से लाखों लोगों को फायदा मिलेगा. Image Credit: tolgart/E+/Getty Images

देश के टेलीकॉम नियामक ट्राई ने स्पैमिंग के खिलाफ बड़ा एक्शन दिखाया है. इस साल अब तक 2.75 लाख से ज्यादा मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट कर दिए गए हैं. इसके अलावा 50 संस्थाओं को स्पैमिंग में भागीदार बनने के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार 3 सितंबर को एक वक्तव्य में यह जानकारी दी है. ट्राई ने कहा कि पिछले कुछ समय में स्पैम कॉल में बेतहाशा वृद्धि हुई है. 2024 की पहली छमाही  यानी जनवरी से जून के दौरान अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स (यूटीएम) के खिलाफ 7.9 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं.

ट्राई ने बताया कि स्पैमिंग के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए 13 अगस्त, 2024 को सभी टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को कड़े निर्देश जारी किए गए. इसके साथ ही ट्राई ने सेवा प्रदाताओं को एसआईपी, पीआरआई या अन्य दूरसंचार संसाधनों का उपयोग करने वाले यूटीएम के सभी वॉयस कॉल तुरंत रोकने का आदेश दिया. ट्राई ने कहा है कि एसआईपी और पीआरआई के दुरुपयोग करने पाए जाने वाले किसी भी यूटीएम को गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ेगा. यूटीएम को दो साल के लिए सभी टेलीकॉम कनेक्शन से दो साल के लिए हटाए जाने और ब्लैकलिस्ट किए जाने का निर्देश भी दिया गया.

ट्राइ के इन निर्देशों के नतीजतन सेवा प्रदाताओं ने स्पैमिंग के लिए दूरसंचार संसाधनों का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. ट्राइ की सख्ती से स्पैम कॉल में कमी आने से उपभोक्ताओं को खासी राहत मिल सकती है.

क्या होता है एसआईपी

सेशन इनीशिएशन प्रोटोकॉल यानी एसआईपी इंटरनेट आधारित टेलीफोन के लिए एक सिग्नलिंग प्रोटोकॉल है. यह वॉयस कॉल नियंत्रण के लिए एक इंटरफेस की तरह, जो संचार तकनीक एजेंटों को ग्राहकों से जोड़ता है. SIP को शुरू में वॉयस कम्युनिकेशन के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल इंस्टेंट मैसेजिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, एसएमएस, फाइल ट्रांसफर जैसे कामों में भी होता है. मोटे तौर पर यह निजी और सार्वजनिक टेलीफोन नेटवर्क के बीच सीधा कनेक्शन बनाने का तरीका है, जो काफी किफायती है और एक साथ बहुत से लोगों से कनेक्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.