रिपब्लिक डे परेड में दिखेंगे रोबो डॉग, -44 डिग्री में भी दुश्मन को देगा मात, इस कंपनी ने किया तैयार

एयरोआर्क प्राइवेट लिमिटेड के रोबोटिक डॉग्स, जिन्हें MULE (Multi Utility Leg Equipment) कहा जाता है, 26 जनवरी की परेड में दिखाए जाएंगे. ये अत्याधुनिक ग्राउंड रोबोट्स कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. एयरोआर्क, डिफेंस सेक्टर में कार्यरत एक भारतीय कंपनी है, जो मानव रहित प्रणालियों और रोबोटिक टेक्निक के सेक्टर में काम करती है.

एयरोआर्क प्राइवेट लिमिटेड के रोबोटिक डॉग्स 26 जनवरी की परेड में भाग लेंगे. Image Credit: ADG PI - INDIAN ARMY

26 जनवरी को होने वाली परेड से पहले रिहर्सल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में रोबोटिक डॉग्स को परेड करते हुए देखा जा सकता है. जिसका एक फोटो आर्मी ने अपने एक्स हैंडल पर भी शेयर किया है. इन रोबोटिक डॉग्स को MULE (Multi Utility Leg Equipment) कहा जाता है. ये आर्मी के एडवांस हथियारों में से एक हैं. इनकी तैनाती उन क्षेत्रों में की जाएगी जहां इंसानों की तैनाती संभव नहीं होती है. इन रोबोटिक डॉग्स को भारतीय कंपनी  एयरोआर्क (Aeroarc) ने बनाया है, जो डिफेंस सेक्टर में काम करती है.

क्या खासियत है इन रोबोटिक्स डॉग्स में?

रोबोटिक (MULE )म्यूल एक मजबूत, टिकाऊ और हर मौसम में काम करने वाला ग्राउंड रोबोट है, जिसे रक्षा कार्यों के लिए शहरी और प्राकृतिक वातावरण में इस्तेमाल किया जा सकता है. यह एक फोर्स मल्टीप्लायर की तरह काम करता है, जिससे स्थिति की समझ बढ़ती है, शारीरिक और मानसिक काम का बोझ कम होता है, और तैनाती की स्थिरता में सुधार होता है. यह रोबोट सीढ़ियां और खड़ी पहाड़ियां चढ़ सकता है, चट्टानों पर चढ़ सकता है, और असमान जमीन या मलबे पर भी आसानी से काम कर सकता है. यह IP-67 रेटिंग के साथ आता है, जो इसे कठोर परिस्थितियों में टिकाऊ बनाता है और -40 से +55 डिग्री सेल्सियस के बीच प्रभावी रूप से काम करता है. यह 3 घंटे की चलने की क्षमता और 21 घंटे की स्टैंडबाय क्षमता के साथ आता है.

क्या करती है कंपनी?

कंपनी के वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एयरोआर्क प्राइवेट लिमिटेड, आर्क वेंचर्स की एक सहायक कंपनी है, जो भारतीय सैन्य और सुरक्षा जरूरतों के लिए विश्वस्तरीय टेक्नालॉजी डेवलप करती है. यह कंपनी मानव रहित प्रणालियों (UAV) और रोबोटिक टेक्नोलॉजी के सेक्टर में काम करती है. एयरोआर्क का उद्देश्य आधुनिक तकनीक को अपनाकर सशस्त्र बलों को खतरनाक मिशनों के लिए एडवांस इक्विपमेंट बनाना है, जिससे न केवल सैनिकों के जोखिम को कम किया जा सके, बल्कि हर मिशन में सफलता की संभावनाएं भी बढ़ाई जा सकें.

कंपनी की उपलब्धियां

एयरोआर्क प्राइवेट लिमिटेड ने अब तक 1,000 से अधिक ड्रोन बनाए हैं, कंपनी 60 से अधिक प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है और अभी 5 देशों में ऑपरेट कर रही है. इसके अलावा, यह 7 कंपनियों के साथ साझेदारी में काम करती है और 19 पेटेंट भी प्राप्त कर चुकी है.

ये भी पढ़ें- AI की वजह से खतरे में नौकरियां, 2025 में Microsoft और Amazon जैसी कंपनियां करेंगी छंटनी

अमेरिका से हासिल किया था ऑर्डर

एयरोआर्क प्राइवेट लिमिटेड ने 2020 में अमेरिकी कंपनी स्काइडियो के साथ मिलकर ड्रोन बनाने का करार किया था. इसे कंपनी की बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा गया था क्योंकि अमेरिकी सरकार के चीनी ड्रोन पर बैन लगाने के बाद इस करार को किया गया था.