डिजिटल अरेस्ट के बाद अब नए तरीके से ठगी कर रहे साइबर अपराधी, इस तरह के कॉल से हो जाएं सावधान
ट्राई, पुलिस और सीबीआई एजेंसियां कभी भी फोन पर वित्तीय या व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगती हैं. फोन पर किसी को भी किसी भी परिस्थिति में अकाउंट नंबर, पासवर्ड, एटीएम पिन नंबर आदि न दें. ऐसी कॉल को बिना घबराए अनदेखा करना अच्छा रहेगा. क्योंकि ऐसे लोग ठग होते हैं.
cyber crime: अब साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों का अपना शिकार बना रहे हैं. वे लोगों से उगाही करने के लिए फोन कर तरह-तरह की धमकी दे रहे हैं. कुछ इसी तरह का साइबर ठगी से जुड़ा मामला केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में सामने आया है. यहां पर कई लोगों को मैसेज आया, जिसमें कहा गया था कि आपकी गैरकानूनी गतिविधियां देखी गई हैं. इसके चलते फोन नंबर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. फिर ठग फोन कर नबंर को वापस चालू करने और मामले से बचने के लिए बड़ी रकम की मांग करते हैं.
खास बात यह है कि ये ठग उगाही करने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI), सीबीआई और पुलिस अधिकारियों के रूप में लोगों को फोन कर रहे हैं. तिरुवनंतपुरम में कई लोगों को हाल ही में इस तरह के फोन कॉल आए, जिसमें दावा किया गया कि उनके सिम कार्ड रद्द कर दिए गए हैं.
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कॉल पर क्या कहते हैं ठग
पीड़ितों को साइबर ठगों द्वारा कहा जाएगा कि फोन नंबर कैंसिल कर दिया गया है. अगर आप अधिक जानकारी लेना चाहते हैं, तो आपको 9 दबाना होगा. इसके बाद, पीड़ितों को बताया जाएगा कि उन्हें डिजिटल रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें अपने बैंक खाते की जानकारी सत्यापन के लिए देनी होगी, ताकि वे अपना नंबर वापस पा सकें. अगर पीड़ित सावधान नहीं होते हैं, तो वे अपना पैसा खो देंगे. खास बात यह है कि हैदराबाद के एक निवासी ने इसी तरह की धोखाधड़ी में 11 लाख रुपये गंवा दिए, जबकि मुंबई के एक आईआईटी छात्र ने 7 लाख रुपये खो दिए. कोच्चि में विकार नाम के एक शख्स ने 5 लाख रुपये एक ऐसी धोखाधड़ी में खो दिए. विकार को ठगों ने ट्राई अधिकारी बनकर अपने जाल में फंसाया.
30 हजार से अधिक बैंक खाते किए गए ब्लॉक
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में कहा था कि साइबर वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक व्यापक साइबर-सुरक्षित ‘फिन इको-सिस्टम’ सुनिश्चित किया जाएगा. यह केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के सहयोग से किया जा रहा है. जालसाजों के 30 हजार से अधिक बैंक खाते ब्लॉक कर दिए गए हैं. धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन निष्क्रिय कर दिए गए हैं.
यहां करें शिकायत
- ट्राई, पुलिस और सीबीआई एजेंसियां कभी भी फोन पर वित्तीय या व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगती हैं.
- किसी भी परिस्थिति में अकाउंट नंबर, पासवर्ड, एटीएम पिन नंबर आदि न दें.
- ऐसी कॉल को बिना घबराए अनदेखा करना उचित है, यह मानकर कि वे ठग हैं.
- अगर आप जालसाजों के जाल में फंस जाते हैं, तो आपको पुलिस और साइबर क्राइम विभाग को सूचित करना चाहिए.
- साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए हेल्पलाइन 1930 है.
- आप www.cybercrime.gov.in पर 24 घंटे शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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