स्लिम फोन के दीवाने हैं आप भी? खरीदने से पहले जान लें इसकी खामियां

स्मार्टफोन कंपनियां एक नए ट्रेंड की ओर बढ़ रही हैं जहां डिवाइसेस पहले से ज्यादा पतले हो रहे हैं. लेकिन क्या यह बदलाव वाकई फायदेमंद होगा या फिर यूजर्स को बैटरी और कैमरा क्वालिटी से समझौता करना पड़ेगा? पूरा मामला जानिए यहां

स्लिम फोन Image Credit: Getty Images

स्मार्टफोन इंडस्ट्री में हर साल नए ट्रेंड आते हैं और जाते हैं लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि बेहद स्लिम फोन का दौर एक बार फिर वापसी कर सकता है. सैमसंग और ऐप्पल जैसे दिग्गज ब्रांड्स इस बदलाव को लाने की तैयारी में हैं. हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई हमें पहले से ज्यादा पतले स्मार्टफोन की जरूरत है?

स्लिम स्मार्टफोन – स्टाइल VS उपयोगिता

स्लिम स्मार्टफोन देखने में आकर्षक जरूर लगते हैं लेकिन क्या वे रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिहाज से उतने ही प्रभावी होंगे? जब भी कोई टेक डिवाइस ज्यादा पतला होता है तो उसके फीचर्स और हार्डवेयर पर समझौता करना पड़ता है. उदाहरण के तौर पर, अल्ट्रास्लिम लैपटॉप में पोर्ट्स की कमी देखी जाती है जिससे यूजर्स को एक्सटर्नल हब खरीदना पड़ता है. इसी तरह, स्मार्टफोन में पतले डिजाइन का मतलब होगा छोटी बैटरी और सीमित कैमरा सेटअप.

अगर स्मार्टफोन पतले होते हैं, तो सबसे बड़ा असर बैटरी और कैमरा मॉड्यूल पर पड़ सकता है. मौजूदा समय में, कंपनियां बड़ी बैटरियों को फिट करने में सक्षम हो पाई हैं, जिससे फोन का बैकअप बेहतर हुआ है. लेकिन अगर स्लिम फोन ट्रेंड बनते हैं तो बैटरी साइज में कटौती की संभावना बढ़ जाएगी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैमसंग का Galaxy S25 Slim और ऐप्पल का iPhone 17 Air इसी दिशा में एक कदम हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो क्या यूजर्स एक महंगा फोन खरीदने के लिए तैयार होंगे, जिसमें कम बैटरी बैकअप और कम कैमरा सेटअप हो?

फोल्डेबल फोन में स्लिमनेस जरूरी लेकिन रेगुलर फोन में?

फोल्डेबल फोन के लिए पतला डिजाइन एक बेहतरीन बदलाव हो सकता है क्योंकि इससे वे ज्यादा पोर्टेबल और इस्तेमाल में आसान बनेंगे. लेकिन अगर रेगुलर स्मार्टफोन को स्लिम बनाया जाता है तो इससे उनकी परफॉर्मेंस और बैटरी लाइफ पर असर पड़ सकता है.

क्या ऐप्पल और सैमसंग का नया गेमप्लान?

टेक इंडस्ट्री में बदलाव ब्रांड्स के बिजनेस स्ट्रैटेजी का हिस्सा होते हैं. एप्पल पहले iPhone Mini को बंद कर iPhone Plus लेकर आया और अब यह भी संभव है कि वह iPhone 17 Air के जरिए फिर से एक नया फॉर्मेट लाने की कोशिश करे. अगर ऐसा होता है तो यह सिर्फ एक मार्केटिंग रणनीति होगी जहां प्रीमियम प्राइस पर कम फीचर्स वाले फोन को बेचा जाएगा.

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सैमसंग भी अपने Galaxy S25 Slim को S25 Plus और S25 Ultra के बीच में रख सकता है जिससे वह अपने प्रीमियम फोन की रेंज को और ज्यादा डाइवर्सिफाई कर सके.अगर इन बदलावों से यूजर एक्सपीरियंस बेहतर होता है तो यह एक सकारात्मक कदम हो सकता है लेकिन अगर यह सिर्फ कीमत बढ़ाने और फीचर्स कम करने का जरिया है तो इसका ज्यादा फायदा नहीं होगा.