कश्मीरी छात्रों का अटल इनोवेशन मिशन में जलवा, पिल डिस्पेंसर और बायोमेट्रिक इंजन से दिखाया तकनीकी कमाल

अटल इनोवेशन मिशन के तहत कश्मीर के छात्रों ने अपनी तकनीकी प्रतिभा से सबको चौंका दिया है. तौफीक शोएब और शाहिदा बानो जैसे छात्रों ने स्मार्ट पिल डिस्पेंसर और बायोमेट्रिक इंजन जैसी इनोवेटिव तकनीकें पेश की हैं.पूरे प्रदेश से लगभग 1,627 टीमों ने 20,000 से अधिक प्रोजेक्ट्स पेश किए हैं

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Atal Innovation Mission: कश्मीर के छात्रों ने अटल इनोवेशन मिशन (AIM) के तहत दिल्ली में आयोजित अटल टिंकरिंग मैराथन में अपनी नई तकनीकी इनोवेशन से सभी का ध्यान आकर्षित किया है. राज्य के स्कूलों ने इस बार बड़ी सफलता हासिल की है. पूरे प्रदेश से लगभग 1,627 टीमों ने 20,000 से अधिक प्रोजेक्ट्स पेश किए हैं. इनमें से एक छात्र द्वारा अपनी दादी की मदद के लिए बनाया गया पिल डिस्पेंसर डिवाइस चर्चा का विषय बना हुआ है.

सेंसर-आधारित पिल डिस्पेंसर

बारामुला के रहने वाले तौफीक शोएब ने अपनी दादी के डिमेंशिया से पीड़ित होने और गलत दवाएं लेने की समस्या को देखते हुए एक स्मार्ट सेंसर-आधारित पिल डिस्पेंसर बनाया. यह डिवाइस तय समय पर अलार्म बजाकर सही दवा देने का काम करता है. शोएब ने अपने इस प्रोजेक्ट पर बारामुला के फतेहगढ़ स्थित स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब में काम किया और इसे 2023-24 के अटल मैराथन में पेश किया.

दुर्घटनाओं रोकने के लिए बायोमेट्रिक इंजन

तौफीक की तरह ही 18 वर्षीय शाहिदा बानो ने भी अपनी तकनीकी सोच का परिचय देते हुए ‘बायोमेट्रिक इंजन’ नामक एक डिवाइस तैयार किया, जो ड्राइवर के बायोमेट्रिक डेटा को आधार से जोड़ता है. यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि अगर ड्राइवर 18 वर्ष से कम उम्र का है तो वाहन का इंजन स्टार्ट नहीं होगा, जिससे कम उम्र के ड्राइवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा.

क्या है अटल टिंकरिंग मैराथन

हर साल भारत के 20,000 से ज्यादा स्कूल अटल टिंकरिंग मैराथन में भाग लेते हैं. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में इनोवेशन को बढ़ावा देना है. देशभर में 10,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स ने छात्रों को नई समस्याओं के समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया है.

अटल इनोवेशन मिशन का महत्व

अटल इनोवेशन मिशन, जिसे नीति आयोग द्वारा चलाया जाता है, भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक अहम पहल है. यह मिशन छात्रों को तकनीकी और वैज्ञानिक सोच विकसित करने का मौका देता है, जिससे वे समाज की समस्याओं का समाधान खोज सकें. इसके तहत अटल टिंकरिंग लैब्स और मैराथन जैसे कार्यक्रम भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने में मदद कर रहे हैं.