पुल ट्रांजैक्शन UPI में नया फ्रॉड, यूजर हो जाएं अलर्ट, ऐसे खाली हो जाता है अकाउंट

UPI फ्रॉड बढ़ रहे हैं, खासकर फर्जी पेमेंट रिक्वेस्ट (Pull Transaction Fraud) के जरिए. स्कैमर्स विशिंग, फिशिंग, नकली UPI भुगतान, स्क्रीन मॉनिटरिंग ऐप जैसी तकनीकों से ठगी कर रहे हैं. NPCI इसे रोकने के लिए नए नियम लाने पर विचार कर रहा है. सावधानी बरतें, अनजान रिक्वेस्ट स्वीकार न करें और बैंकिंग डिटेल गोपनीय रखें.

पुल ट्रांजैक्शन वह प्रक्रिया होती है, जिसमें कोई व्यापारी या व्यक्ति ग्राहक से पेमेंट रिक्वेस्ट करता है. Image Credit:

UPI Pull Transaction Fraud: क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि किसी UPI ऐप का नोटिफिकेशन आया हो कि किसी अनजान व्यक्ति या कंपनी ने पेमेंट रिक्वेस्ट भेजी है, जबकि आपने कोई लेनदेन नहीं किया? अगर आपने गलती से यह रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली, तो आप फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं. हाल ही में ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जहां स्कैमर्स इस ट्रिक का उपयोग कर लोगों को ठग रहे हैं. इसे रोकने के लिए NPC नियमों में बदलाव करने पर विचार कर रहा है. आइए विस्तार से समझते हैं कि यह फ्रॉड कैसे काम करता है और इससे बचने के तरीके.

पुल ट्रांजैक्शन क्या है?

पुल ट्रांजैक्शन वह प्रक्रिया होती है, जिसमें कोई व्यापारी या व्यक्ति ग्राहक से पेमेंट रिक्वेस्ट करता है. इसमें पेमेंट राशि पहले से भरी होती है, और ग्राहक को केवल अपने UPI ऐप में पिन दर्ज करके पेमेंट करना होता है. हाल के दिनों में स्कैमर इसी टेक्निक का यूज कर कर रहे हैं. RBI के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में पुल ट्रांजैक्शन से जुड़ी 27,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं. इनमें अप्रैल-जून 2024 में 14,401 शिकायतें और जुलाई-सितंबर 2024 में 12,744 शिकायतें शामिल है.

UPI फ्रॉड कैसे होता है?

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UPI फ्रॉड से बचने के तरीके