Foxcon में करनी है नौकरी, तो नहीं बताना होगा वैवाहिक स्थिति, कंपनी का नया फरमान

फॉक्सकॉन ने भारत में आईफोन असेंबली श्रमिकों की भर्ती करने वाली एजेंसी को एक आदेश दिया. उसने कहा कि वे नौकरी के विज्ञापनों में एज, जेंडर, वैवाहिक स्थिति और कंपनी के नाम का जिक्र न करें. फॉक्सकॉन ने यह कदम रॉयटर्स की रिपोर्ट आने के बाद दिया.

Foxcon कंपनी ने जारी किया नया फरमान Image Credit: Walid Berrazeg/SOPA Images/LightRocket via Getty Images

iPhone निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन ने अपने कर्मचारियों की भर्ती के लिए काम करने वाली एजेंसी को निर्देश दिया है. उसने कहा है कि नौकरी के विज्ञापनों में उम्र, लिंग और वैवाहिक स्थिति और कंपनी के नाम का जिक्र न करें. कंपनी ने यह कदम रॉयटर्स की एक जांच रिपोर्ट के बाद उठाया है. दरअसल जून में रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट जारी की थी. रॉयटर्स ने अपने रिपोर्ट में खुलासा किया कि फॉक्सकॉन भारत में अपने iPhone असेंबली प्लांट में शादीशुदा महिलाओं को नौकरियों से वंचित कर रही हैं. वहीं रिपोर्ट में यह भी बताया कि जब कंपनी को अपना उत्पादन बढ़ाना होता था, तो वह अपनी नीतियों में थोड़ी छूट दे देती हैं.

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि जनवरी 2023 से मई 2024 के बीच फॉक्सकॉन की भर्ती एजेंसी ने अपने विज्ञापनों में केवल अविवाहित महिलाओं को ही आवेदन के लिए योग्य बताया है.

रिपोर्ट आने के बात दिए निर्देश

अब रिपोर्ट आने के बाद फॉक्सकॉन के एचआर अधिकारियों ने भर्ती एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे नए टेम्पलेट्स के अनुसार ही विज्ञापन तैयार करें. इन विज्ञापनों में उम्र, लिंग और वैवाहिक स्थिति का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए. एजेंसी में काम करने वाले एक कर्मचारी बताया कि फॉक्सकॉन के अधिकारियों ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए चेतावनी दी कि कंपनी के नाम का इस्तेमाल विज्ञापनों में न करें. ऐसा न करने पर एजेंसियों के अनुबंध रद्द करने की बात कही गई.

नए विज्ञापनों में बदलाव

रॉयटर्स ने बताया कि नए विज्ञापनों में कंपनी का नाम शामिल नहीं था. इनमें केवल कार्यस्थल की सुविधाओं जैसे कर्मचारियों के लिए कैटिंन की सुविधा, आने जाने की व्यवस्था, वातानुकूल वर्क प्लेस औऱ 14, 974 रुपए प्रतिमाह वेतन की जानकारी है. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि फॉक्सकॉन ने शादीशुदा महिलाओं को भर्ती करने की संख्या में कोई बदलाव किया है या नहीं.

सरकार ने उठाएं कदम

रिपोर्ट के बाद, सरकार ने फॉक्सकॉन की भर्ती प्रक्रियाओं की जांच के आदेश दिए. जुलाई में श्रम अधिकारियों ने संयंत्र का दौरा किया और कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ की. लेकिन जांच के नतीजे सार्वजनिक नहीं किए गए. तमिलनाडु सरकार ने आरटीआई के तहत मांगी गई रिपोर्ट को गोपनीयता का हवाला देते हुए साझा करने से इनकार कर दिया.

कंपनी की छवि पर असर

फॉक्सकॉन और उसके ग्राहक एप्पल की छवि पर इस मुद्दे का गहरा असर पड़ा है. मीडिया में हुई आलोचना के बाद फॉक्सकॉन को अपनी नीतियों में बदलाव करना पड़ा. लेकिन अभी यह देखना बाकी है कि यह बदलाव वास्तविक सुधार है या केवल कानूनी आलोचना से बचने का प्रयास. वहीं फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ने अगस्त में भारत का दौरा किया और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की. उन्होंने शादीशुदा महिलाओं के योगदान को सराहा और कंपनी के भारत में निवेश को लेकर चर्चा की.