APK फाइल कर देगी अकाउंट खाली ! ऐप डाउनलोड करते समय न करें ये चूक, अपराधी ऐसे उठाते हैं फायदा
एंड्रॉइड की ओपन-सोर्स प्रकृति उसे कस्टमाइज करने में आसान बनाती है, लेकिन इससे साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ता है. साइबर अपराधी नकली APK फाइल्स के जरिए यूजर के डिवाइस पर नियंत्रण हासिल कर सकते हैं और संवेदनशील जानकारी चुरा सकते हैं. यह ब्लॉग बताता है कि यह फ्रॉड कैसे होता है, इसके क्या खतरे हैं और कैसे इससे बचा जा सकता है.

APK file fraud: भारत में एंड्रॉइड सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है. इसकी ओपन-सोर्स नेचर यूजर्स को ऐप्स को कस्टमाइज करने और आसानी से डाउनलोड करने की सुविधा देती है. यूजर इसका जमकर उपयोग भी करते हैं. हालांकि, इसकी यही सुविधा साइबर फ्रॉड के लिए रास्ता खोल देती है. साइबर स्कैमर फर्जी APK (Android Package) फाइल्स के जरिए आपका डेटा चोरी कर लेते हैं और आपको वित्तीय नुकसान पहुंचा सकते हैं. जानकारी के अभाव में लोग इसका आसानी से शिकार बन जाते हैं. आइए जानते हैं कि इसके जरिए कैसे फ्रॉड किया जाता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
क्या होती है APK फाइल?
APK फाइल Android सिस्टम का एक पैकेज फॉर्मेट है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल ऐप्स को इंस्टॉल और डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए होता है. यह Windows की .exe फाइल की तरह काम करती है और किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने के लिए जरूरी सभी फाइलें इसमें होती हैं. अगर इसे गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड करेंगे तो यह सुरक्षित होता है, लेकिन अगर आपने इसे थर्ड-पार्टी ऐप से डाउनलोड किया है तो यह आपकी सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
APK फाइल्स से कैसे होता है फ्रॉड
जब यूजर स्पैम APK को इंस्टॉल करता है, तो ऐप कैमरा, लोकेशन, कॉन्टैक्ट्स और SMS जैसी कई परमिशन मांगती है. इंस्टॉल होने के बाद यह ऐप की-लॉगर की तरह काम करते हुए पासवर्ड, मैसेज और अन्य संवेदनशील जानकारी रिकॉर्ड करना शुरू कर देती है. फिर यह सारी जानकारी चुपचाप साइबर अपराधी के सिस्टम तक भेज दी जाती है, जिससे वह रिमोट एक्सेस लेकर यूजर के डिवाइस को पूरी तरह कंट्रोल कर सकता है.
यूजर को क्या नुकसान होता है
- डेटा चोरी: आपकी पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी चोरी हो सकती है, जिससे पहचान की चोरी और आर्थिक नुकसान हो सकता है.
- डिवाइस का कंट्रोल: हैकर आपके डिवाइस को पूरी तरह कंट्रोल कर सकते हैं और उसमें और भी मैलवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं.
- पर्सनल डेटा लीक का खतरा: अगर आपकी कोई निजी जानकारी लीक हो गई तो आपकी सामाजिक या पेशेवर छवि को नुकसान हो सकता है.
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क्या हैं बचाव के उपाय
- असुरक्षित नेटवर्क से बचें: पब्लिक Wi-Fi पर कोई ट्रांजैक्शन न करें
- अनजान ऐप्स से सावधान रहें: थर्ड-पार्टी स्रोत से APK डाउनलोड न करें
- एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें: हमेशा अपडेटेड सिक्योरिटी ऐप रखें
- फोन रीसेट करें: अगर शक हो कि कोई खतरनाक ऐप इंस्टॉल हो गई है, तुरंत फैक्ट्री रीसेट करें
- फोन रीबूट करते रहें: नियमित रूप से फोन रीस्टार्ट करें ताकि मालवेयर प्रक्रिया रुक सके
- संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट करें: बैंक या साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट करें — cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें
- बैंक के मैसेज वेरिफाई करें: बैंक की तरफ से आए किसी भी WhatsApp मैसेज को बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट या हेल्पलाइन से जांचें
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