ऑनलाइन ठगी के हुए शिकार और बैंक ने भी हाथ खड़े कर दिए, इन तरीकों से वापस आएगा आपका पैसा

आजकल ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन कई बार बैंक भी साइबर फ्रॉड के बाद आपकी मदद नहीं करते. अगर आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं तो एक ऐसा तरीका है जिससे आपका पैसा वापस मिल सकता है.

अगर साइबर ठगी के शिकार हुए तो घबराएं नहीं! Image Credit: Daniel de la Hoz/Moment/Getty Images

Recover Money From Online Fraud: सोचिए, आपको एक शानदार वर्क-फ्रॉम-होम नौकरी का ऑफर मिलता है, जहां आप बस कुछ आसान टास्क पूरे करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं. आपको यकीन दिलाने के लिए एक ग्रुप में जोड़ा जाता है, वहां लोग पैसे कमाने के स्क्रीनशॉट और सक्सेस स्टोरी शेयर कर रहे हैं. आप भी विश्वास करके पैसे ट्रांसफर कर देते हैं, लेकिन फिर अचानक ग्रुप डिलीट हो जाता है और आपके पैसे हमेशा के लिए गायब हो जाते हैं. यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं बल्कि हजारों लोगों के साथ हो रही साइबर धोखाधड़ी की सच्चाई है.

हाल ही में, एक पीड़ित ने 86000 रुपये की ठगी की शिकायत की. उन्होंने तीन दिनों के भीतर बैंक को सूचित किया, लेकिन बैंक ने शिकायत पर ध्यान नहीं दिया. एक महीने बाद जब उन्होंने फिर से शिकायत की तो उन्हें बताया गया कि ठगों के खाते में पैसे ही नहीं हैं जिससे रिफंड संभव नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कोई साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाए और बैंक भी मदद न करे, तो क्या किया जाए?

  1. तुरंत साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराएं

अगर आप किसी ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें. इसके अलावा, अपने नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में जाकर एफआईआर (FIR) दर्ज कराएं. FIR के बिना आपकी शिकायत आधिकारिक रूप से दर्ज नहीं होगी.

  1. बैंक से तत्काल संपर्क करें

RBI के नियमों के मुताबिक, अगर कोई ग्राहक साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर बैंक को करता है तो बैंक को उस पर कार्रवाई करनी चाहिए. अगर बैंक आपकी फोन से की गई शिकायत को नजरअंदाज करता है, तो ईमेल और लिखित आवेदन के जरिए से शिकायत दर्ज कराएं.

  1. सभी दस्तावेज इकट्ठा करें

शिकायत दर्ज करने के लिए आपके पास ठगी से जुड़े सभी सबूत होने चाहिए, जैसे:

  1. बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) में शिकायत करें

अगर बैंक आपकी मदद नहीं कर रहा, तो आप RBI के बैंकिंग लोकपाल (ombudsman.rbi.org.in) में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. यहां आपको पूरी घटना विस्तार से बतानी होगी और बैंक की लापरवाही का सबूत देना होगा.

  1. उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज करें

अगर बैंकिंग लोकपाल भी मदद नहीं करता, तो कंज्यूमर फोरम (Consumer Disputes Redressal Commission) में शिकायत करें. चूंकि बैंक की लापरवाही से आपको वित्तीय नुकसान हुआ है इसलिए आप बैंक से मुआवजे की मांग कर सकते हैं.

  1. साइबर सेल को अपडेट देते रहें

कई बार ठगों के खातों को ब्लॉक कर दिया जाता है, लेकिन वे फर्जी नामों से नए खाते खोल लेते हैं. ऐसे में, साइबर सेल से संपर्क बनाए रखें ताकि वे आगे की जांच जारी रख सकें और अन्य लोगों को बचाया जा सके.

  1. नए धोखाधड़ी के जाल से बचें

अगर आपको कोई यह दावा करता है कि वह आपका पैसा वापस ला सकता है, तो सतर्क रहें. कई बार ठग ‘रिफंड रिकवरी स्कैम’ के तहत दोबारा लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं.

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ध्यान रखें, आज के डिजिटल दौर में ऑनलाइन ठगी से बचना बहुत जरूरी हो गया है. किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, बिना जांच-पड़ताल पैसे ट्रांसफर न करें और हमेशा बैंक की आधिकारिक वेबसाइट से ही जानकारी लें. अगर आप सतर्क रहेंगे, तो साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बच सकते हैं.