इकोनॉमिक सर्वे 2025: भारत के लिए घातक हो सकता है AI! वर्कफोर्स घटा तो AI बेस्ड मुनाफे पर देना होगा टैक्स
Economic Survey on AI: आर्थिक सर्वेक्षण 2025 में वर्कफोर्स को बेहतर करने के लिए शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता देने की भी बात की गई. साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण पड़ने वाले प्रभाव पर भी बात की गई है.
Economic Survey 2025 India and AI भारत का आम बजट 1 फरवरी, 2025 को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. हमेशा की तरह एक दिन पहले आने वाला इकोनॉमिक सर्वे जारी हो चुका है. आर्थिक सर्वेक्षण में वर्कफोर्स को बेहतर करने के लिए शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता देने की भी बात की गई. साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण पड़ने वाले प्रभाव पर भी बात की गई है. सर्वेक्षण के मुताबिक, विश्व जिस तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपना रहा है, भारत को भी उस दिशा में काम करना होगा.
शिक्षा और स्किल्स को बेहतर करने की जरूरत
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में इस बात पर काफी जोर दिया गया है कि भारत को अपने मौजूदा शिक्षा प्रणाली को फिर से जांचने और अपडेट करने की जरूरत है. यह मालूम करना अहम है कि विश्व भर में तेजी से अपनाए जाने वाले एआई का हम कितना फायदा उठा पा रहे हैं. हमें उसी तर्ज पर अपनी शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट को तेजी से बेहतर करने की जरूरत है.
भारत को होना होगा तैयार
सर्वेक्षण के मुताबिक, एआई का जिस तरह से वैश्विक पटल पर लाभ उठाया जा रहा है, भारत को भी अपने कार्यबल को इस ऑपर्च्यूनिटी के लिए तैयार करना होगा जिससे मशीन और इंसानों के बीच का कोलैबोरेशन बेहतर किया जा सके. वहीं, पिछले सर्वेक्षण में इस बात पर जोर दिया गया था कि अर्थव्यवस्था को अपने वर्कफोर्स को बढ़ाने के लिए 2030 तक हर साल तकरीबन 79 लाख नौकरियां क्रिएट करनी होगी. हालांकि इसके नुकसान पर भी सर्वेक्षण में रोशनी डाली गई.
भारत के लिए कितना अच्छा AI?
एआई का बढ़ना दुनिया भर में लेबर मार्केट का नया आकार तैयार हो रहा है लेकिन भारत के लिए ये बात बहुत अच्छी नहीं है. इसे लेकर आर्थिक सर्वेक्षण में वार्निंग भी दी गई है कि भारत के बिजनेस ग्रुप लॉन्ग टर्म प्रभावों पर ध्यान दिए बिना अगर ऑटोमेशन की ओर बढ़ते हैं तब देश को पॉलिसी इंटरवेंशन और सरकारी सपोर्ट की बढ़ती मांगों का सामना करना पड़ सकता है.
AI से होने वाली कमाई पर देना होगा टैक्स!
इससे इतर एआई की वजह से बड़े स्तर पर होने वाले वर्कर के विस्थापन से सरकार के इनकम में काफी कमी आ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, एआई के कारण अगर बड़ी संख्या में लेबर विस्थापित होता है तब राज्य को कम हुए आय की भरपाई करने के लिए एआई के जरिये होने वाले मुनाफे पर टैक्सेशन के जरिये हस्तक्षेप करना पड़ सकता है.
कैसे करें AI का इस्तेमाल?
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) का हवाला देते हुए आर्थिक सर्वेक्षण ये वार्निंग भी देता है कि इस तरह के टैक्सेशन का असर भी कहीं से कहीं से देश के आर्थिक विकास को कमजोर करने पर ही आएगा. सर्वेक्षण में AI के शुरुआती फेज का इस्तेमाल करके ऐसी नीतियां बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया जो नौकरियों के नुकसान को कम करती हो.