भारतीयों की जेब काटने को तैयार एलन मस्क, अब X चलाना होगा महंगा

जब से एलन मस्क ने ट्विटर खरीदा है, तब से इसकी चर्चा खूब हो रही है. अब ट्विटर ने भारत में अपने सब्सक्रिप्शन प्लान में बढ़ोतरी कर दी है. X ने इस बढ़ोतरी के पीछे तीन प्रमुख कारण बताए हैं. X शुरू से ही अपने प्लेटफॉर्म को चलाने के लिए एडवरटाइजर्स से मिलने वाले पैसों पर निर्भर रहा है.

एक्स ने बढ़ाया सब्सक्रिप्शन का दाम Image Credit: money9live.com

एलन मस्क की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X की एक बार फिर भारत में चर्चा हो रही है. कंपनी ने अपने प्रीमियम सब्सक्रिप्शन के लिए 35 फीसदी तक चार्ज बढ़ोतरी की घोषणा की है. नई कीमतें 21 दिसंबर, 2024 से लागू हो गई हैं, और अगली बार जब आप पैसा जमा करेंगे, तो नई दर पर चार्ज किया जाएगा.

कितना बढ़ा दाम

अगर आप X प्रीमियम+ यूजर हैं, तो अब आपको हर महीने 1,750 रुपये भरने होंगे, जबकि पहले यह केवल 1,300 रुपये था. वहीं, अगर आप सालाना सब्सक्रिप्शन लेते हैं, तो प्रीमियम+ मेंबर को 18,300 रुपये देने होंगे, जबकि पहले यह 13,600 रुपये था. हालांकि, इस सब में एक अच्छी बात यह है कि बेसिक X टियर सब्सक्रिप्शन और X प्रीमियम सब्सक्रिप्शन पहले की तरह ही जारी रहेंगे. बेसिक X टियर की कीमत 243 रुपये और X प्रीमियम सब्सक्रिप्शन की कीमत 650 रुपये प्रति महीना ही रहेगी.

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क्यों बढ़ी कीमत

एलन मस्क की कंपनी X ने इस बढ़ोतरी के पीछे तीन प्रमुख कारण बताए हैं. जिसमें जीरो एड्स, कंटेंट क्रिएटर्स को सपोर्ट, नए फीचर्स शामिल है. कंपनी का कहना है कि प्रीमियम+ सब्सक्राइबर्स को @Premium सपोर्ट और नए फीचर्स का आनंद मिलेगा. साथ ही, बढ़ी हुई कीमत से उन्हें अपने प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाने और अधिक निवेश करने का मौका मिलेगा.
कंपनी ने यह भी बताया कि सब्सक्रिप्शन मॉडल सीधे तौर पर क्रिएटर प्रोग्राम को बढ़ावा देगा.

साथ ही, कंपनी ने अपने रेवेन्यू शेयर मॉडल को बदलकर अब विज्ञापनों पर निर्भर रहने के बजाय कंटेंट की गुणवत्ता और इंगेजमेंट को रिवार्ड करने पर फोकस किया है.

एडवरटाइजर्स से दूरी

ट्विटर (अब X) परंपरागत रूप से अपने प्लेटफॉर्म को चलाने के लिए एडवरटाइजर्स से मिलने वाले पैसों पर निर्भर था. हालांकि, जब से एलन मस्क ने इसकी कमान संभाली और इसका नाम बदलकर X किया, तब से कई एडवरटाइजर्स ने इससे दूरी बनाना शुरू कर दिया. एडवरटाइजर्स पर निर्भरता को कम करने के लिए मस्क ने प्लेटफॉर्म में कई बदलाव किए हैं. इनमें पुराने ब्लू टिक वेरिफिकेशन सिस्टम को बदलकर केवल सब्सक्राइबर्स को ब्लू टिक देना शामिल है.