दृष्टिहीनों को ‘देखने’ में मदद करेगी मस्क की न्यूरालिंक, दिमाग में फिट होगी चिप; इसी साल शुरू होगा टेस्ट

एलन मस्क की न्यूरालिंक 2025 के अंत तक ब्लाइंडसाइट नामक ब्रेन चिप का पहला मानव परीक्षण करेगी. यह चिप मस्तिष्क के विजुअल कॉर्टेक्स में इम्प्लांट होगी और एक कैमरा से विजुअल डेटा लेकर दृष्टिहीन लोगों को देखने में मदद करेगी. अमेरिकी FDA ने इसे ब्रेकथ्रू डिवाइस का दर्जा दिया है. यह ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) टेक्नोलॉजी में एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है.

एलन मस्क की न्यूरालिंक 2025 के अंत तक ब्लाइंडसाइट नामक ब्रेन चिप का पहला मानव परीक्षण करेगी. Image Credit: FREE PIK

Elon Musk Neuralink: एलन मस्क की ब्रेन चिप कंपनी न्यूरालिंक 2025 के अंत तक अपनी आर्टिफिशियल विजन प्रोस्थेसिस ‘ब्लाइंडसाइट’ का टेस्ट करेगी. यह टेस्ट इंसानों पर किया जाएगा. इस तकनीक का लक्ष्य उन लोगों की रोशनी बहाल करना है जो जन्म से दृष्टिहीन हैं या ऑप्टिक नर्व की खराब होने के कारण पूरी तरह से अपनी रोशनी खो चुके हैं. ब्लाइंडसाइट एक माइक्रोइलेक्ट्रोड चिप है, जिसे दिमाग के विजुअल कॉर्टेक्स में इम्प्लांट किया जाएगा. यह एक कैमरे से डेटा लेकर न्यूरॉन्स पैदा करेगा, जिससे दृष्टिहीन लोग आसपास की चीजों को पहचान सकेंगे.

एलन मस्क का दावा

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क ने हाल ही में दावा किया कि 2025 के अंत तक पहले व्यक्ति में यह डिवाइस लगाने की उम्मीद कर रहे हैं, हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि शुरुआती इम्प्लांट की विजुअल क्वालिटी “अटारी ग्राफिक्स” जैसी होगी, लेकिन भविष्य में यह तकनीक सुपरह्यूमन विजन देने में सक्षम हो सकता है.

FDA से मिला ‘ब्रेकथ्रू’ स्टेटस

सितंबर 2024 में US FDA ने ब्लाइंडसाइट को ब्रेकथ्रू मेडिकल डिवाइस का दर्जा दिया, जिससे इसके डेवलपमेंट और अप्रूवल प्रोसेस को तेज किया जाए. न्यूरालिंक का लक्ष्य न सिर्फ दृष्टिहीनों को देख पाने में मदद करना है, बल्कि ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) टेक्नोलॉजी के जरिए शरीरिक अक्षमताओं से जूझ रहे लोगों को राहत देना भी है. इससे पहले न्यूरालिंक ने ‘टेलीपैथी’ नामक तकनीक से लकवाग्रस्त लोगों को सिर्फ सोचकर डिवाइस को कंट्रोल करने में मदद की है.

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क्या ये तकनीक क्रांतिकारी होगी?

अगर ब्लाइंडसाइट सफल होता है, तो यह न्यूरल प्रोस्थेटिक्स और ह्यूमन ऑग्मेंटेशन की दुनिया में एक ऐतिहासिक उपलब्धि साबित हो सकता है. हालांकि, इसके तकनीकी पक्ष को लेकर और इसके नैतिक चिंताओं के लेकर के इंडस्ट्री के जानकारी सतर्क कर रहे है.