Elon Musk के Starlink का भारत में रास्ता हुआ साफ, मान गए मोदी सरकार की शर्त
भारत में स्टारलिंक के लाइसेंस की प्रक्रिया जल्द ही आगे बढ़ सकती है. सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कंपनी स्टारलिंक, सरकार के डाटा लोकलाइजेशन और सिक्योरिटी रूल्स को पूरा करने के लिए राजी हो गई है.
टेस्ला और स्पेसएक्स (SpaceX) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) की स्टारलिंक का रास्ता आसान होने वाला है. भारत में स्टारलिंक के लाइसेंस की प्रक्रिया जल्द ही आगे बढ़ सकती है. मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कंपनी स्टारलिंक, सरकार के डाटा लोकलाइजेशन और सिक्योरिटी रूल्स को पूरा करने के लिए राजी हो गई है.
स्टारलिंक ने नियमों को लेकर भरी हामी
रिपोर्ट्स की मानें तो टेलीकॉम डिपार्टमेंट के साथ स्टारलिंक की मीटिंग हुई है. मीटिंग में कंपनी ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विसेज लाइसेंस के लिए डाटा लोकलाइजेशन और सिक्योरिटी से जुड़े रूल्स को लेकर अपनी हामी भर दी है. हालांकि कंपनी ने फिलहाल एग्रीमेंट को दाखिल नहीं किया है. ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट सर्विसेज (GMPCS), सैटेलाइट इंटरनेट के सेटअप की दिशा में पहला कदम है. इसके बाद मामूली एप्लीकेशन फीस देकर टेस्टिंग के लिए स्पेक्ट्रम हासिल किया जा सकता है.
दूरसंचार मंत्री ने क्या कहा?
दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 12 नवंबर को कहा कि कंपनी, सिक्योरिटी के लिए जरूरी नियमों का अनुपालन करने की प्रक्रिया में है. दूरसंचार मंत्री ने कहा, “आपको इसे सुरक्षा के नजरिए से भी देखना होगा. यह सुनिश्चित करना होगा कि सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान किया जाए. जब वे ऐसा करेंगे तब हमें काफी खुशी होगी. अगर आप सभी नियमों का पालन करते हैं तभी आपको लाइसेंस मिलेगा.”
ट्रंप के समर्थन का है असर?
मालूम हो कि स्टारलिंक को लेकर ये अपडेट अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के कुछ दिन बाद आया है. चुनावी तैयारी के दौरान ट्रंप ने मस्क को अपने सरकार में अहम पद देने की भी बात की थी. वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति चुनाव में पोल के दौरान मस्क ने भी ट्रंप का खूब समर्थन किया था. इससे इतर मस्क ने ट्रंप के चुनावी कैंपेन के लिए फंड्स भी इकठ्ठा किया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, व्हाइट हाउस में उनके प्रभाव से LEO सैटेलाइट कंपनी को भारत में अपने नियोजित सैटेलाइट इंटरनेट संचालन के लिए अधिक लाभ मिल सकता है.
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किन नियमों के लिए स्टारलिंक ने भरी हामी?
सिक्योरिटी से जुड़े नियमों के मुताबिक देश में काम कर रही सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनी को पूरा डाटा देश में रखना जरूरी है. इसके अलावा कुछ स्थितियों में स्टारलिंक को इंटेलिजेंस एजेंसियों को प्राप्त की गई डाटा को लेकर जानकारी भी देनी पड़ सकती है.
स्टारलिंक ने लाइसेंस के लिए कब अप्लाई किया?
स्टारलिंक ने अक्टूबर 2022 में ही इस लाइसेंस के लिए आवेदन डाल दिया था. इसके बाद कंपनी ने स्पेस रेगुलेटर, इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) के समक्ष भी मंजूरी के लिए आवेदन किया था.