गूगल ने बढ़ाई सैलरी, फिर भी नाखुश हैं कर्मचारी; क्या है उनकी मांग?
पिछले कुछ सालों में टेक इंडस्ट्री के लिए समय काफी चुनौतीपूर्ण रहा है. कंपनियों को अपने कर्मचारियों को जोड़े रखने में काफी परेशानी हो रही है. जुलाई 2021 से हर महीने करीब 40 लाख लोग अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं. हाल ही में गूगल ने अपने कर्मचारियों की सैलरी तो बढ़ाई, लेकिन कर्मचारियों को यह बढ़ी हुई सैलरी पसंद नहीं आ रही है. इसे लेकर वे सवाल भी उठा रहे हैं.

Google ने हाल ही में अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई थी, लेकिन इस सैलरी हाइक को लेकर कर्मचारी नाराज हैं. हाल ही में एक मीटिंग (TGIF – Thank God It’s Friday) में उन्होंने यह मुद्दा उठाया. बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारी इससे नाखुश हैं. कर्मचारियों ने मीटिंग में सवाल उठाया कि स्टॉक ग्रांट और कुल वेतन कम क्यों है, जबकि कंपनी का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस बेहतर है.
क्या कहना है कंपनी का
गूगल के वाइस प्रेसिडेंट जॉन केसी ने जवाब देते हुए कहा कि 80 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों की सैलरी 2025 में बढ़ी है, लेकिन कुछ नॉन-टेक्निकल या विशेष लोकेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थानीय मार्केट के हिसाब से कम स्टॉक ग्रांट मिला. गूगल का कहना है कि वे हर जगह कर्मचारियों को वहां के मार्केट में टॉप सैलरी देते हैं.
गूगल के एक प्रवक्ता ने 2021 में रॉयटर्स को बताया था कि कंपनी के वेतन पैकेज स्थान के अनुसार तय होते हैं. साथ ही, कंपनी सुनिश्चित करती है कि सैलरी स्थानीय जॉब मार्केट में सबसे अधिक हो.
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इंटरनल सर्वे में दिखी नाराजगी
गूगल ने एक इंटरनल सर्वे (Googlegeist) करवाया था. इस सर्वे में पाया गया कि कर्मचारी अपने वेतन को लेकर खुश नहीं हैं. केवल 53 फीसदी कर्मचारी ही मानते हैं कि अन्य कंपनियों की तुलना में उनकी सैलरी बेहतर है, जो पिछले साल की तुलना में 5 फीसदी कम है. वहीं, केवल 56 फीसदी कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि उन्हें उनके काम के हिसाब से उचित सैलरी मिल रही है, जो पिछले साल की तुलना में 8 फीसदी कम है.
टेक कंपनियों में बढ़ रहा नौकरी छोड़ने का रुझान
इस तरह का असंतोष सिर्फ गूगल में ही नहीं, बल्कि अन्य टेक इंडस्ट्री में भी देखा जा रहा है. जुलाई 2021 से हर महीने करीब 40 लाख लोग अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं. यह एक बड़ी वजह है जिससे कंपनियों को अब सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करना पड़ रहा है. कई टेक कंपनियां इस चुनौती से निपटने के लिए लगातार कदम उठा रही हैं. अमेजन और एप्पल जैसी कंपनियों ने कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए बेस सैलरी और स्टॉक बोनस बढ़ा दिए हैं.
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