स्कॉटिश भारत में लेकर उतरी बैन डिवाइस, हो गई गिरफ्तार; जानें इस सैटेलाइट कम्यूनिकेटर से देश को कैसे खतरा

Garmin inReach GPS जैसे सैटेलाइट कम्युनिकेटर्स, भले ही इमरजेंसी कम्युनिकेशन के लिए उपयोगी हों, लेकिन बिना सरकारी अनुमति के इनके उपयोग से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. यही कारण है कि भारत में ऐसे उपकरणों पर प्रतिबंध लगाया गया है.

ये डिवाइस सैटेलाइट्स के माध्यम से संचार करते हैं.

गुरुवार को स्कॉटलैंड की रहने वाली हीदर को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था. सुरक्षा जांच के दौरान उनके पास से Garmin inReach GPS डिवाइस मिला, जो भारत में प्रतिबंधित है. इससे पहले दिसंबर 2024 में गोवा हवाई अड्डे पर एक चेक नागरिक को Garmin Edge 540 GPS डिवाइस के साथ पकड़ा गया था. आइये जानते है कि यह डिवाइस क्यों प्रतिबंधित है और यह सुरक्षा के लिए कैसे खतरा बन सकता है.

भारत में क्यों बैन है यह डिवाइस?

Garmin inReach GPS एक सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस है जिसमें बिल्ट-इन सैटेलाइट ट्रांसमीटर होता है. यह डिवाइस भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट 1933 का उल्लंघन करता है, जो बिना वैध लाइसेंस के वायरलेस उपकरणों के उपयोग पर रोक लगाता है.

  • ये डिवाइस सैटेलाइट्स के माध्यम से संचार करते हैं, जो सरकारी निगरानी के बाहर होता है.
  • इन उपकरणों का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों या गुप्त संचार के लिए किया जा सकता है, जिससे यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनता है.

सुरक्षा के लिए खतरा कैसे है?

  1. जासूसी और खुफिया जानकारी लीक: सैटेलाइट कम्युनिकेटर्स को हैक या इंटरसेप्ट किया जा सकता है, जिससे दुश्मन संवेदनशील जानकारी हासिल कर सकते हैं या संचार में बाधा डाल सकते हैं.
  2. सैन्य उपयोग:
  • संघर्ष क्षेत्रों में रियल-टाइम संचार के लिए इन उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है.
  • ये डिवाइस आतंकवादी गतिविधियों या सैन्य अभियानों में मददगार साबित हो सकते हैं.

सैटेलाइट कम्युनिकेशन कैसे काम करती है?

सैटेलाइट कम्युनिकेटर्स मुख्य रूप से सैटेलाइट कम्युनिकेशन तकनीक पर काम करते हैं, जिसमें

Geostationary Satellite (GEO):

  • ये सैटेलाइट पृथ्वी से 35,786 किमी की ऊंचाई पर भूमध्य रेखा के ऊपर स्थिर रहते हैं.
  • ये पृथ्वी की रोटेशन के साथ चलते हैं, जिससे एक क्षेत्र में निरंतर कवरेज मिलता है. Radio Frequency (RF) Signals:
  • सैटेलाइट कम्युनिकेटर RF signals का उपयोग कर डेटा भेजते हैं।
  • डिवाइस डेटा को RF signals में बदलकर सैटेलाइट को भेजता है, जो इसे आगे ग्राउंड स्टेशन या अन्य डिवाइस तक पहुंचाता है।

Modulation और Demodulation:

  • सैटेलाइट्स signals को encode (तैयार) करके भेजते हैं।
  • डिवाइस पर receiver सिग्नल को decode (पढ़ता) करता है ताकि डेटा प्राप्त किया जा सके

Global Positioning System (GPS):

  • कुछ सैटेलाइट कम्युनिकेटर्स में GPS होता है, जो लोकेशन ट्रैकिंग और नेविगेशन में मदद करता है.

Inter-Satellite Link:

  • कुछ सैटेलाइट्स आपस में कनेक्ट होते हैं और signals को रिले करते हैं.
  • यह बेहतर कवरेज और तेज संचार सुनिश्चित करता है.