GenAI भारत में 2030 तक लाएगा क्रांति, 38 मिलियन नौकरियों का बदलेगा फॉरमेट, होगा ट्रांसफॉरमेशन

artificial intelligence की बढ़ती उपयोगिता और भारत के विभिन्‍न सेग्‍मेंट में इसके पड़ने वाले प्रभाव पर EY इंडिया ने एक रिपोर्ट पेश की है. इसमें खुलासा किया गया कि कैसे ये आने वाले समय में नौकरियों को ट्रांसफॉर्म करेगा.

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GenAI impact on Jobs: आजकल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (GenAI) का प्रयोग विदेश समेत भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है. यही वजह है कि आने वाले दिनों में नौकरियों में भी इसमें गजब का ट्रांसफॉरमेशन देखने को मिलेगा. इस सिलसिले में EY इंडिया ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट “हाउ मच प्रोडक्टिविटी कैन जेनएआई अनलॉक इन इंडिया? द एआईडिया ऑफ इंडिया: 2025” पेश की, जिसमें खुलासा किया है कि जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GenAI) 2030 तक भारत में अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर फायदा पहुंचा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, AI के अपनाने से 38 मिलियन नौकरियों में बदलाव आने यानी इनके ट्रांसफॉरमेशन की संभावना है.

EY इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इससे ऑर्गेनाइज्‍ड सेक्‍टर में प्रोडक्‍टिविटी को 2.61% बढ़ा सकता है. अगर जेनएआई को असंगठित यानी अनऑर्गेनाइज्‍ड क्षेत्र में भी लागू किया जाता है, तो यह प्रोडक्टिविटी में 5.43% की बढ़ोतरी कर सकता है. ये रिपोर्ट सी-सूट के 125 से अधिक कार्यकारियों के सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें बताया गया है कि AI की संभावनाओं को पूरी तरह से हासिल करने के लिए स्किल गैप को दूर करना होगा. GenAI के प्रयोग से 24% काम ऑटोमैटिक हो जाएंगे, वहीं 42% की इसमें वृद्धि की संभावना है, जिससे नॉलेज वर्कर्स का सप्ताह में 8-10 घंटे का समय बच सकता है.

किस सेक्‍टर को मिलेगा सबसे ज्‍यादा फायदा?

सर्विस सेक्‍टर जो श्रम-केंद्रित है इन्‍हें AI से सबसे ज्यादा लाभ प्राप्त करने की उम्मीद है. इससे मैन्‍यूफैक्‍चरिंग और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर क्षेत्र भी इसका फायदा मिलेगा. रिपोर्ट के अनुसार अभी भारतीय उद्यमों में केवल 3% के पास AI को अपनाने के लिए आवश्यक प्रतिभा और संसाधन हैं, जबकि 97% कार्यकारियों ने स्किल गैप पाया गया है. फाइंडेबिलिटी साइंसेज के सीईओ आनंद महुरकर ने कहा, “EY की रिपोर्ट व्यवसायों के लिए नए AI सॉल्‍यूशन्‍स को अपनाने की जरूरत को दर्शाती है.