UPI के बाजार में Google Pay और PhonePe का बना रहेगा दबदबा, NPCI के नए नियम से मिली बड़ी राहत

NPCI ने UPI ट्रांजेक्शन पर मार्केट कैप लागू करने की डेडलाइन को दो साल के लिए बढ़ा दिया है, जिससे PhonePe और Google Pay जैसे प्रमुख ऐप्स को राहत मिली है. इसका मतलब है कि फिलहाल कंपनी का मार्केट शेयर 30 फीसदी से ज्यादा का हो सकता है.

UPI प्लेटफॉर्म बनाने वाला नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI ने UPI ट्रांजेक्शन पर मार्केट कैप लागू करने की डेडलाइन को दो साल के लिए बढ़ा दिया है. यह फैसला PhonePe और Google Pay जैसे प्रमुख ऐप्स के लिए राहत लेकर आया है, क्योंकि दोनों मिलकर भारतीय डिजिटल पेमेंट्स का 85 फीसदी हिस्सा संभालते हैं.

इसके अलावा NPCI ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए WhatsApp Pay पर नए यूजर्स जोड़ने की सीमा को हटा दिया है. पहले WhatsApp Pay के लिए 10 करोड़ यूजर्स का लिमिट रखा गया था.

कैसे मिली PhonePe और Google Pay को राहत?

साल 2020 में, NPCI ने एक नियम लागू किया था कि कोई भी थर्ड-पार्टी ऐप, जैसे Google Pay या PhonePe UPI ट्रांजेक्शन के 30 फीसदी से ज्यादा हिस्से पर कब्जा नहीं कर सकता. इसका मतलब अगर आपके प्लेटफॉर्म से UPI ट्रांजेक्शन होगा तो आपके प्लेटफॉर्म का मार्केट पर 30 फीसदी से ज्यादा का कब्जा नहीं हो सकता.

इसका उद्देश्य बाजार में किसी भी कंपनी का एकाधिकार खत्म करना और सिस्टम की सुरक्षा सुनिश्चित करना था. इस नियम को दिसंबर 2024 तक लागू करना था, लेकिन अब इसे दिसंबर 2026 तक बढ़ा दिया गया है. यानी फिलहाल कंपनी का मार्केट शेयर 30 फीसदी से ज्यादा का हो सकता है लेकिन केवल दिसंबर 2026 तक.

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NPCI ने क्यों बढ़ाई डेडलाइन?

फोनपे और गूगल पे के पास फिलहाल 85% से ज्यादा मार्केट शेयर है. फोनपे के पास 48% और गूगल पे के पास 37% हिस्सेदारी है. नए खिलाड़ी जैसे Navi, Super.money, और Fampay ने इस साल UPI बाजार में एंट्री ली है, लेकिन उनका कुल मार्केट शेयर 2% से भी कम है. NPCI को उम्मीद है कि समय के साथ नए खिलाड़ी अपना स्थान बना सकेंगे.

2024 में ही 20 कंपनियों को थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर (TPAP) के रूप में NPCI से मंजूरी मिली है. 2016 से अब तक 40 कंपनियों को यह मंजूरी दी जा चुकी है. लेकिन बाजार में गूगल पे और फोनपे का दबदबा अभी भी बना हुआ है.

क्या कहते हैं NPCI के चीफ?

NPCI के प्रमुख दिलीप अस्बे ने कहा कि बाजार में संतुलन लाने में समय लगेगा. उन्होंने यह भी बताया कि UPI पर क्रेडिट और क्रेडिट लाइन की बढ़ती रुचि से नए अवसर बनेंगे. उनका मानना है कि धीरे-धीरे नए खिलाड़ी बाजार में जगह बनाएंगे.