दो महीने में ब्लॉक हुए करीब 8 लाख सिम कार्ड, 2,08,469 अधिक IMEI नंबर भी सरकार ने किए बंद

SIM Card Blocked: वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों ने ताबड़तोड़ एक्शन लेते हुए लाखों सिम कार्ड ब्लॉक कर दिए हैं. इसके अलावा डिजिटल अरेस्ट में इस्तेमाल होने वाले हजारों स्काइप आईडी को भी बंद कर दिया गया है. वित्तीय फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार अलर्ट मोड में है.

डिजिटल फ्रॉड से जुड़े लाखों सिम कार्ड ब्लॉक. Image Credit: Getty image

SIM Card Blocked: लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों इस साल के पहले दो महीने में करीब 8 लाख सिम कार्ड ब्लॉक किए हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों इस साल 28 फरवरी तक डिजिटल फ्रॉड से जुड़े 7.81 लाख से अधिक सिम कार्ड ब्लॉक किए हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट किए गए कुल 2,08,469 IMEI को भारत सरकार ने ब्लॉक कर दिया है. इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) हर फोन को दिया जाने वाला एक यूनिक नंबर है.

हजारों स्काइप आईडी भी ब्लॉक

इसके अलावा, गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने डिजिटल अरेस्ट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 3,962 से अधिक स्काइप आईडी और 83,668 व्हाट्सएप अकाउंट की पहचान करके उन्हें ब्लॉक किया है.

4,386 करोड़ रुपये बचाए गए

संजय कुमार ने बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखेबाजों द्वारा पैसों की हेराफेरी को रोकने के लिए I4C के तहत सिटीजन फाइनेंशियल साइबर रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत 2021 में की गई. अब तक 13.36 लाख से अधिक शिकायतों में लगभग 4,386 करोड़ रुपये बचाए गए हैं.

मंत्री ने कहा कि 14C के हिस्से के रूप में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी प्रकार के डिजिटल अपराधों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट करने में जनता को सक्षम करने के लिए एक नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) शुरू किया गया है.

टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर

उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर दर्ज किए गए अपराध, उनका FIR में कन्वर्जन और उसके बाद की कार्रवाई संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की जाती है. मंत्री ने कहा कि शिकायत दर्ज करने में सहायता के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर-1930 चालू किया गया है.

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