सरकार ने बढ़ा दी मैसेज ट्रेसेबिलिटी सिस्टम लागू करने की डेडलाइन, जानें- नई तारीख
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने टेलीकॉम ऑपरेटरों के लिए वन-टाइम पासवर्ड (OTP) सहित कमर्शियल मैसेज के ओरिजिन की ट्रैंकिंग के लिए लागू होने वाले सिस्टम की डेडलाइन बढ़ा दी है.
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने टेलीकॉम ऑपरेटरों के लिए वन-टाइम पासवर्ड (OTP) समेत कमर्शियल मैसेज के ओरिजिन की ट्रैंकिंग के लिए लागू होने वाले सिस्टम की डेडलाइन बढ़ा दी है. अथॉरिटी ने साफ कर दिया है कि फर्जी SMS और कॉल को 11 दिसंबर से हर हाल में रोकना होगा. TRAI ने ओटीपी बेस्ड SMS वेरिफिकेशन को लागू करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 10 दिसंबर तक का वक्त दिया है.
कॉम्युनिकेशन चेन का रजिस्ट्रेशन
TRAI ने अब टेलीकॉम ऑपरेटरों को स्पैम, फ्रॉड और साइबर अपराध से निपटने के लिए डिजाइन किए गए मैसेज ट्रेसबिलिटी को लागू करने के लिए 10 दिसंबर तक अतिरिक्त 10 दिन का समय दिया है. ट्राई के अनुसार, 27,000 से अधिक प्रमुख संस्थाओं (PE) ने पहले ही अपनी कॉम्युनिकेशन चेन को रजिस्टर्ड कर लिया है और यह प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. टेलीकॉम ऑपरेटरों ने गैर-अनुपालन पीई और टेलीमार्केटर्स को चेतावनी नोटिस जारी करना जारी रखा है.
1 दिसंबर से लागू होना था
इस आदेश को एक दिसंबर से लागू होना था, लेकिन टेलीकॉम कंपनियों की तैयारी पूरी नहीं होने से इसे 10 दिन के लिए बढ़ाया गया है. ट्राई ने कहा कि 11 दिसंबर, 2024 से कोई भी ट्रैफिक (संदेश) जिसमें टेलीमार्केटर्स की चेन परिभाषित नहीं है या पूर्व-निर्धारित चेन से मेल नहीं खाती है, उसे अस्वीकार कर दिया जाएगा. इंडस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर दिन 1.5-1.7 अरब कमर्शियल मैसेज भेजे जाते हैं
ट्राई का आदेश?
ट्राई ने अगस्त महीने में सभी टेलिकॉम कंपनियों को निर्देश दिया था कि बैंक, ई कॉमर्स, वित्तीय संस्थान से आने वाले उन तमाम मैसेज को बंद करें जिसमें टेलिमार्केटिंग और प्रमोशन से जुड़े कंटेंट होते हैं. ट्राई ने ये भी कहा कि टेलिमार्केटिंग और प्रमोशन मैसेज का एक तय फॉर्मेट होना चाहिए जिसे देखकर पता लगाया जा सके. इस सुविधा से ग्राहक को पहले से ही पता चल जाएगा कि उसके मोबाइल पर आने वाले मैसेज कहां से आ रहे हैं. इसकी मदद से लोगों को फ्रॉड जैसी समस्याओं से छुटकारा भी मिल सकता है.