टोल टैक्स पर बड़ा फैसला लेने जा रही है सरकार, बनेगी यूनिफॉर्म पॉलिसी, जानें क्या मिलेगा फायदा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि साल 2019-20 में टोल टैक्स कलेक्शन 27,503 करोड़ रुपये था. गडकरी ने भरोसा जताया कि चालू वित्त वर्ष में राजमार्ग मंत्रालय 2020-21 में प्रतिदिन 37 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण के पिछले रिकॉर्ड को पार कर जाएगा. चालू वित्त वर्ष में अब तक करीब 7,000 किलोमीट नेशनल हाईवे का निर्माण किया जा चुका है.

सरकार ला रही है यूनिफॉर्म टोल पॉलिसी. Image Credit: Freepik

Uniform Toll Policy: नेशनल हाईवे पर सफर करने वाले यात्रियों को टोल टैक्स सिस्टम से राहत देने के लिए सरकार बड़ी तैयारी कर रही है. इसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय यूनिफॉर्म टोल पॉलिसी पर काम कर रही है. सरकार को उम्मीद है कि यूनिफॉर्म टोल पॉलिसी तैयार हो जाने के बाद नेशनल हाईवे पर सफर करने वाले करोड़ों यात्रियों का काफी फायदा होगा. हालांकि, सरकार का ये भी मानना है कि पहले के मुकाबले टोल पॉलिसी काफी बेहतर हुई है, लेकिन इसमें अभी और डेवलपमेंट की जरूरत हैं.

दरअसल, मौजूदा वक्त में टोल टैक्स की दरें अलग-अलग नेशनल हाईवे पर अलग-अलग होती हैं. वहीं, केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी स्टेट हाईवे पर टोल टैक्स वसूलती हैं. इससे यात्रियों के ऊपर टोल टैक्स का बोझ बढ़ गया है. लेकिन टोल टैक्स यूनिफॉर्म पॉलिसी बनेने के बाद नेशनल हाईवे पर टोल कलेक्शन को तर्कसंगत और सरल बनाया जाएगा. इस नीति के तहत, टोल टैक्स की दरें और कलेक्शन की प्रक्रिया को एक समान बनाया जाएगा, जिससे हाईवे पर सफर करने वाले यात्रियों को अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा.

क्या बोले नितिन गडकरी

न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यूनिफॉर्म टोल टैक्स पॉलिसी के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में देश के नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर पहुंच गया है. गडकरी ने कहा कि हम यूनिफॉर्म टोल पॉलिसी पर काम कर रहे हैं. इससे नेशनल हाईये पर यात्रियों को होने वाली समस्याओं का समाधान होगा.

मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने शुरू में नेशनल हाइवे पर सफर को आसान बनाने के लिए बैरियर रहित ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम को लागू करने का फैसला किया है. गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सोशल मीडिया पर यात्रियों द्वारा की गई शिकायतों को बहुत गंभीरता से ले रहा है और इसमें शामिल ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है.

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टोल टैक्स से सरकार की कमाई

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में नेशनल हाईवे पर चलने वाली गाड़ियों में 60 फीसदी हिस्सेदारी प्राइवेट कारों की हैं.जबकि, इन गाड़ियों से टोल रेवेन्यू का हिस्सा मुश्किल से 20 से 26 प्रतिशत ही है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अधिक से अधिक सेगमेंट टोलिंग सिस्टम के तहत आने के बावजूद नेशनल हाइवे पर टोल शुल्क में वृद्धि हुई है. इससे अक्सर यात्रियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है. उनके मुताबिक, देश में टोटल टोल कलेक्शन 2023-24 में 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है.

नेशनल हाईवे का निर्माण

उन्होंने कहा कि साल 2019-20 में टोल टैक्स कलेक्शन 27,503 करोड़ रुपये था. गडकरी ने भरोसा जताया कि चालू वित्त वर्ष में राजमार्ग मंत्रालय 2020-21 में प्रतिदिन 37 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण के पिछले रिकॉर्ड को पार कर जाएगा. चालू वित्त वर्ष में अब तक करीब 7,000 किलोमीट नेशनल हाईवे का निर्माण किया जा चुका है. परंपरागत रूप से, फरवरी-मार्च की अवधि में नेशनल हाईवे निर्माण की गति अधिक होती है. देश में नेशनल हाईवे निर्माण की गति वित्त वर्ष 2020-21 में प्रतिदिन 37 किलोमीटर के रिकॉर्ड को छू गई है.

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नेशनल हाईवे परियोजनाएं के लिए आवंटन

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, राजमार्ग मंत्रालय ने 2020-21 में 13,435.4 किलोमीटर, 2021-22 में 10,457.2 किलोमीटर, 2022-23 में 10,331 किलोमीटर और 2023-24 में 12,349 किलोमीटर नेशनल हाइवे का निर्माण किया था. गडकरी ने यह भी कहा कि इस वित्त वर्ष में मंत्रालय 13,000 किलोमीटर की नेशनल हाईवे परियोजनाओं का ठेका देगा. मंत्रालय ने 2023-24 में 8,580.5 किलोमीटर की नेशनल हाईवे परियोजनाएं आवंटित की थीं. भारतमाला परियोजना की जगह लेने के लिए नई योजना के अभाव में नेशनल हाईवे परियोजनाएं आवंटित करने की गति काफी धीमी हो गई है.

भारतमाला परियोजना के लिए राशि

गडकरी के अनुसार, भारतमाला परियोजना के तहत मंत्रालय के पास 3,000 करोड़ रुपये तक की नेशनल हाईवे परियोजनाएं आवंटित करने का अधिकार था, अब मंत्रालय भारतमाला परियोजना के तहत किसी भी नई परियोजना को मंजूरी नहीं दे सकता. उन्होंने कहा कि 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की किसी भी परियोजना के लिए अब हमें कैबिनेट की मंजूरी लेनी होगी. इसलिए, हमने 50,000-60,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा है.

देश में बेहतर कनेक्टिविटी

मंत्री ने कहा कि मंजूरी मिलते ही हम उन परियोजनाओं पर काम करना शुरू कर देंगे. गडकरी ने कहा कि सरकार ने देश में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए 2017 में 34,800 किलोमीटर की लंबाई को कवर करने वाली भारतमाला परियोजना को मंजूरी दी. 31 अक्टूबर, 2024 तक, कुल 26,425 किलोमीटर की लंबाई को कवर करने वाली परियोजनाओं को आवंटित किया गया है और 18,714 किलोमीटर का निर्माण किया गया है. भारत में दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है और इसके नेशनल हाईवे कुल 1,46,195 किलोमीटर की लंबाई में फैले हैं, जो देश का प्राथमिक धमनी नेटवर्क बनाते हैं.