आपके पैरों के नीचे भी हो सकता है सोना! जानिए कौन सी मशीन बताती है जमीन के नीचे छिपा है खजाना

पाकिस्तान की सिंधु नदी में 80 हजार करोड़ रुपये के सोने की खोज ने सबको चौंका दिया है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर वैज्ञानिकों को जमीन के नीचे छिपे खजाने का पता कैसे चलता है? जानिए इस रहस्य के पीछे की तकनीक.

कैसे डिटेक्ट होता है जमीन के नीचे सोने का खजाना Image Credit: FreePik

Gold Detection Technology: पाकिस्तान की सिंधु नदी में हाल ही में 80 हजार करोड़ रुपये मूल्य के सोने के भंडार की खोज ने दुनियाभर का ध्यान खिंचा है. तमाम सवालों के साथ कई लोगों के मन में ये सवाल भी उठे कि वैज्ञानिक और भूवैज्ञानिक ऐसे भंडार की खोजें कैसे करते हैं. तो इस आर्टिकल में हम उन्हीं सवालों के जवाब देंगे. हम उन तकनीकों और उपकरणों के बारे बताएंगे जो जमीन के भीतर छिपे खजानों का पता लगाने में सहायक होते हैं.

सोने की खोज की तकनीकें

जमीन के नीचे सोने का पता लगाने के लिए मुख्यतः तीन तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है:

  • ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR): यह तकनीक रडार सिग्नल का इस्तेमाल करके जमीन की सतह के नीचे की संरचना की छवि बनाती है. GPR का इस्तेमाल बड़ी मशीनों में होता है और यह जमीन के भीतर की वस्तुओं का सटीक पता लगाने में सक्षम है.
  • वेरी लो फ्रीक्वेंसी (VLF): यह तकनीक लो फ्रिक्वेंसी इलेक्ट्रोमैगनेटिक तरंगो का इस्तेमाल करती है. VLF तकनीक का इस्तेमाल छोटी मशीनों में होता है और यह सतह के करीब स्थित धातुओं का पता लगाने में सहायक है.
  • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन: यह तकनीक विद्युत चुम्बकीय तरंगों के माध्यम से धातुओं का पता लगाती है. इस तकनीक का इस्तेमाल हाथ से संचालित गोल्ड डिटेक्टर मशीनों में होता है, जो जमीन की सतह के नीचे धातुओं की पहचान करती हैं.

गोल्ड डिटेक्टर मशीनें: विशेषताएं और कीमत

गोल्ड डिटेक्टर मशीनें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तकनीक पर आधारित होती हैं और इनकी अपनी एक निश्चित सीमा होती है, जो यह निर्धारित करती है कि मशीन कितनी गहराई तक सोने का पता लगा सकती है. उदाहरण के लिए, अगर किसी गोल्ड डिटेक्टर मशीन की सीमा 20 फीट है तो यह मशीन जमीन में 20 फीट गहराई में दबे सोने का पता लगा सकेगी.

इन मशीनों की कीमत उनकी गुणवत्ता और गहराई की क्षमता के आधार पर बदलती है. छोटी मशीनें, जिन्हें व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए खरीदा जा सकता है, उनकी कीमत लगभग 70,000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक होती है. उन्नत मशीनें, जो अधिक गहराई तक सोने का पता लगाने में सक्षम होती हैं उनकी कीमत लगभग 10 लाख रुपये तक हो सकती है.

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कहां से खरीदें?

गोल्ड डिटेक्टर मशीनें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से खरीदी जा सकती हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर विभिन्न मॉडलों की उपलब्धता होती है, जहां से आप अपनी आवश्यकताओं और बजट के मुताबिक मशीन का चयन कर सकते हैं. खरीदारी से पहले, मशीन की विशेषताओं, गहराई क्षमता और यूजर्स मैनुअल पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है.

सोने की खोज और खुदाई के लिए कानूनी अनुमतियां आवश्यक हो सकती हैं. इसलिए, किसी भी तरह की खोज या खुदाई से पहले संबंधित सरकारी विभागों से आवश्यक अनुमतियां लेना जरूरी है. इसके अलावा, सोने की खोज के दौरान पर्यावरणीय मानकों का पालन करना और स्थानीय समुदायों के हितों का सम्मान करना भी अहम है.