बीते 18 दिनों में 4 बार ठप हो चुका है UPI, क्यों बार बार आ रही ये दिक्कत; किसके हाथ में है कमान?
देश में आज एक बार फिर लोगों को डिजिटल पेमेंट करते वक्त मुश्किलों का सामना करना पड़ा. सुबह से ही ट्रांजैक्शन फेल हो रहे थे. इस बार भी वजह वही रही जो पिछले कुछ दिनों में कई बार देखी जा चुकी है. पर असली वजह क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
शनिवार सुबह जब लोग रोजमर्रा के जरूरी कामों के लिए मोबाइल उठाकर पेमेंट करने चले, तो उन्हें एक बार फिर उस सिस्टम ने धोखा दे दिया जिस पर भारत का सबसे बड़ा डिजिटल ट्रांजैक्शन नेटवर्क टिका है, UPI. पूरे देश में अचानक तकनीकी खराबी के चलते यूपीआई सर्विसेस ठप हो गईं, जिससे आम आदमी से लेकर छोटे-बड़े व्यापारी तक सभी प्रभावित हुए.
शनिवार सुबह से शुरू हुई परेशानी
12 अप्रैल को सुबह से ही यूपीआई के जरिए ट्रांजैक्शन करने की कोशिश कर रहे लोगों को लगातार फेलियर का सामना करना पड़ा. डाउनडिटेक्टर की रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर तक कुल 1168 शिकायतें दर्ज की गईं. इनमें Google Pay पर 96 और Paytm पर 23 शिकायतें आईं.
NPCI ने बयान जारी कर कहा कि यूपीआई में “इंटरमिटेंट टेक्निकल इश्यू” चल रहे हैं, जिनके चलते कुछ ट्रांजैक्शन आंशिक रूप से फेल हो रहे हैं. वे इस समस्या को जल्द सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं और असुविधा के लिए खेद जताया है.
पहले भी ठप हुआ है यूपीआई
यह पहली बार नहीं है जब यूपीआई यूजर्स को इस परेशानी का सामना करना पड़ा हो. 26 मार्च को भी करीब 2-3 घंटे तक यूपीआई सेवा ठप रही थी. 31 मार्च को एक बार फिर यूजर्स ट्रांजैक्शन नहीं कर सके. 2 अप्रैल को शाम 7:40 बजे के आसपास डाउनडिटेक्टर पर 533 शिकायतें दर्ज हुईं. इनमें 57 फीसदी शिकायतें फंड ट्रांसफर फेलियर की थीं, जबकि 39 फीसदी पेमेंट फेलियर और 4 फीसदी ऐप इश्यू से जुड़ी थीं. अब 12 अप्रैल को फिर यह समस्या सामने आई है. यानी महज 18 दिनों में चौथी बार यूपीआई ने लोगों का भरोसा तोड़ा है.
भारत में डिजिटल पेमेंट की रीढ़ बन चुका यूपीआई न केवल आम लोगों बल्कि छोटे दुकानदारों और बड़े व्यापारियों के लिए भी लाइफलाइन बन गया है. ऐसे में बार-बार की ये तकनीकी गड़बड़ियां पूरे सिस्टम को दबाव में डालती हैं.
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यूपीआई को कौन रेगुलेट करता है?
यूपीआई का संचालन और निगरानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) करता है. यह संस्था यूपीआई की सिक्योरिटी, यूनिफॉर्मिटी और सुचारू तौर पर पमेंट प्रोसेसिंग सुनिश्चित करता है. NPCI फ्रॉड प्रिवेंशन, पार्टिसिपेंट ऑडिट और सिक्योर ट्रांजैक्शन सिस्टम को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है.