महिलाओं की प्राइवेसी पर हमला! आपका पीरियड ट्रैकिंग ऐप चोरी कर सकता है आपकी सबसे गोपनीय जानकारी

महिलाओं की सेहत से जुड़े ऐप्स उनकी मदद के लिए हैं या उनकी प्राइवेसी के लिए खतरा? लाखों लोग इनका इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन क्या आपका डेटा सुरक्षित है. एक रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई, जानिए पूरी कहानी.

महिलाओं की प्राइवेसी पर हमला! Image Credit: Money9 Live

आज यानी 8 मार्च को जब पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तिकरण की बात कर रही है, उसी दौरान ऐसा मुमकिन है कि आपके फोन के कुछ ऐप्स महिलाओं के निजता का हनन कर रहे हैं. जहां टेक्नोलॉजी ने महिलाओं की जिंदगी को आसान बनाने का दावा किया है, वहीं कुछ डिजिटल टूल्स उनकी प्राइवेसी के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं. महिलाओं के स्वास्थ्य की निगरानी करने वाले ऐप्स, जो पीरियड्स और गर्भावस्था ट्रैक करने में मदद करते हैं उनकी संवेदनशील जानकारी को गलत तरीके से संभाल रहे हैं और उन्हें साझा करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.

डेटा डिलीट करने का भी विकल्प नहीं

किंग्स कॉलेज और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक संयुक्त रिसर्च में अमेरिका और ब्रिटेन में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए 20 हेल्थ ट्रैकिंग ऐप्स की गोपनीयता नीतियों और डेटा सुरक्षा लेबल की जांच की गई. नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे. कई ऐप्स में डाटा डिलीट करने का कोई विकल्प ही नहीं है यहां तक कि माहवारी चक्र और गर्भपात जैसी अत्यंत निजी जानकारियां भी परमानेंट रूप से सेव हो जाती हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे ऐप्स का इस्तेमाल दुनिया भर में करोड़ों लोग कर रहे हैं. अगर प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी डेटा लीक होता है तो इससे महिलाओं को ब्लैकमेल, भेदभाव और हिंसा का शिकार होना पड़ सकता है.

भारत भी निशाने पर

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है. कई प्राइवेसी एक्सपर्ट्स को डर है कि इन ऐप्स से जुटाए गए डेटा का इस्तेमाल गर्भपात करवाने वाली महिलाओं के खिलाफ किया जा सकता है. अब क्योंकि भारत में भी महिलाएं उन ऐप्स का इस्तेमाल करती हैं जो विदेश में डेवलप किए गए हैं ऐसे में इस चोरी का शिकार वह भी बन सकती हैं. भारत में इस्तेमाल होने वाले तमाम ऐप्स चाहे विदेशी हो या इंडियन उसमें डेटा चोरी का खतरा बना हुआ है.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीरियड ट्रैकिंग ऐप्स महिलाओं की यौन गतिविधि, गर्भनिरोधक उपाय, पीरियड्स की तारीखें और गर्भपात जैसी बेहद निजी जानकारियां स्टोर करते हैं. अगर ये डेटा गलत हाथों में चला जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

यह भी पढ़ें: YouTube ने भारत में हटाए 29 लाख वीडियो, 48 लाख चैनल भी किए रिमूव, जानें क्या है वजह

महिलाओं के लिए चेतावनी, क्या करें?

अगर आपके फोन में कोई पीरियड या हेल्थ ट्रैकिंग ऐप है, तो उसकी गोपनीयता नीति (Privacy Policy) जरूर पढ़ें. किसी भी ऐप को इस्तेमाल करने से पहले यह देखें कि क्या वह आपको अपना डेटा डिलीट करने का विकल्प देता है या नहीं. महिला दिवस के मौके पर यह सवाल और भी अहम हो जाता है कि तकनीक महिलाओं की मदद कर रही है या उनकी निजता छीन रही है?