दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में शुरू हुई 5G सर्विस, भारतीय सैनिकों को मिलेगा फायदा
जिया ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में अपनी 5G सर्विस शुरू कर दी है. यहां सर्विस शुरू करने वाला जियो देश का पहला ऑपरेटर बन गया है. कंपनी ने अपनी स्वदेशी फुल-स्टैक 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए यह काम पूरा किया.
15 जनवरी को सेना दिवस से पहले, JIO ने भारतीय सैनिकों को बड़ा तोहफा दिया है. दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र में 5G कनेक्टिविटी शुरू कर दी गई है. आज के टेक्नोलॉजी के युग में मोबाइल फोन और इंटरनेट जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से लेकर टैक्सी बुकिंग तक, हर क्षेत्र में मोबाइल और इंटरनेट की अहम भूमिका है. आइए जानते हैं कि जियो ने सियाचिन तक 5G इंटरनेट कैसे पहुंचाया.
सियाचिन में शुरू हुई 5G सर्विस
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में अपनी 5G सर्विस शुरू कर दी है. भारतीय सेना की ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स’ ने एक ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी दी. सेना के अनुसार, जियो टेलीकॉम और भारतीय सेना ने मिलकर सियाचिन ग्लेशियर पर पहला 5G मोबाइल टावर सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है. यह टावर सियाचिन की एक अग्रिम चौकी पर लगाया गया है.
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सेना दिवस से पहले बड़ा तोहफा
भारत में सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है. जियो ने सेना दिवस से पहले दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र में 4G और 5G सर्विस शुरू करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. सियाचिन ग्लेशियर पर सर्विस शुरू करने वाला जियो देश का पहला ऑपरेटर बन गया है. सेना ने इसे शानदार उपलब्धि बताते हुए कहा, “यह उपलब्धि हमारे बहादुर सैनिकों को समर्पित है, जिन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में इस लक्ष्य को हासिल किया.”
टावर स्थापित करने की चुनौतियां
इतनी ऊंचाई पर 5G टावर स्थापित करना बेहद मुश्किल काम रहा. जियो ने अपनी स्वदेशी फुल-स्टैक 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए यह काम पूरा किया. फायर एंड फ्यूरी सिग्नलर्स और सियाचिन वॉरियर्स ने जियो की टीम के साथ मिलकर उत्तरी ग्लेशियर में 5G टावर स्थापित किया. सियाचिन ग्लेशियर भारत के सबसे कठिन इलाकों में से एक है. यहां तापमान -50°C तक गिर सकता है. ठंडी हवाओं और बर्फीले तूफानों का सामना करना पड़ता है.