साइबर फ्रॉड करने वालों ने 9 महीने में लगाया 107.21 करोड़ का चूना, ठग ऐसे कसते हैं शिकंजा

लोकसभा में देश में बढ़ती साइबर ठगी को लेकर चालू वित्त वर्ष 2025 की पहली तीन तिमाही के आंकड़े जारी किए गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, तीन तिमाही में भारत में साइबर धोखाधड़ी के 13,384 मामले सामने आए हैं, जिससे 107.21 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

Cyber Fraud: भारत में डिजिटल पेमेंट का चलन एक तरफ तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ साइबर ठगी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. दरअसल, लोकसभा में साइबर धोखाधड़ी के मामलों और उससे होने वाले नुकसान को लेकर एक खुलासा हुआ है. लोकसभा में दीगई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (FY25) की पहली तीन तिमाहियों में साइबर धोखाधड़ी से संबंधित 13,384 मामले सामने आए हैं, जिससे भारतीयों को करीब 107.21 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

हर साल बढ़ रहे 1 लाख साइबर ठगी के मामले

आंकड़ों में बताया गया है कि, यह साइबर ठगी खासतौर पर डेबिट/क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में अधिक देखी जा रही है. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास साइबर धोखाधड़ी का फिलहाल इससे जुड़े सभी डेटा नहीं हैं, लेकिन बैंकों और वित्तीय संस्थानों के आंकड़े बताते हैं कि 1 लाख रुपये से अधिक की ठगी के मामले हर साल बढ़ रहे हैं.

इन मामलों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है

आंकड़ों के मुताबिक, KYC न होने वाले खातों, मनी म्यूल (धोखाधड़ी में इस्तेमाल होने वाले बैंक अकाउंट) और फिशिंग अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसका असर यह हुआ कि वित्त वर्ष 2024 में साइबर धोखाधड़ी से हुआ नुकसान 177.05 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि वर्ष 2015 में सिर्फ 845 मामले दर्ज किए गए थे, जिससे कुल 18.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

सरकार ने साइबर ठगी रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं?

साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए RBI ने जुलाई 2024 में ‘फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट’ (Fraud Risk Management) गाइडलाइन जारी की, जिसमें कई सख्त नियम बनाए गए हैं,

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