APPLE में नहीं अब पहले जैसा दम, ले रहा ज्यादा पैसा; जुकरबर्ग ने ये क्या कह दिया

मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एप्पल पर निशाना साधते हुए कहा है कि कंपनी ऐप डेवलपर्स से 30 फीसदी तक अधिक पैसा ले रही है. उनका कहना है कि एप्पल अन्य कंपनियों के डिवाइस को iPhone के साथ स्मूथली काम करने नहीं देता. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एप्पल में अब इनोवेशन की कमी है.

मार्क जुकरबर्ग और स्टीव जॉब्स Image Credit: money9live.com

Meta के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने Apple कंपनी को निशाने पर लिया है. Joe Rogan के पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान उन्होंने एप्पल कंपनी के इनोवेशन में ठहराव को लेकर सवाल उठाए और एप्पल पर ज्यादा पैसा वसूलने का भी आरोप लगाया. आइए जानते हैं कि इस पॉडकास्ट में जुकरबर्ग ने क्या कहा और एप्पल पर कौन-कौन से आरोप लगाए.

क्या कहा मार्क जुकरबर्ग ने

मार्क जुकरबर्ग ने अपने हालिया पॉडकास्ट में एप्पल पर निशाना साधते हुए कहा कि कंपनी इनोवेशन में ठहराव का शिकार हो चुकी है और iPhone की सफलता पर अत्यधिक निर्भर हो गई है. उन्होंने कहा, “स्टीव जॉब्स ने iPhone का आविष्कार किया और अब 20 साल बाद भी वे उसी पर टिके हुए हैं.” जुकरबर्ग ने यह भी कहा कि लोग अब कम नए iPhone खरीद रहे हैं क्योंकि प्रत्येक नया वर्जन पिछले से बहुत बेहतर नहीं होता.

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ज्यादा पैसा वसूलने का आरोप

जुकरबर्ग ने आरोप लगाया कि एप्पल ऐप डेवलपर्स से बहुत अधिक पैसा वसूलता है. उन्होंने कहा कि कंपनी iPhone की बिक्री में गिरावट की भरपाई डेवलपर्स पर 30 फीसदी टैक्स लगाकर कर रही है. जुकरबर्ग ने यह भी कहा कि एप्पल अन्य कंपनियों के डिवाइस को iPhone के साथ स्मूथली काम नहीं करने देता.

उन्होंने AirPods का जिक्र किया और कहा कि एप्पल अन्य कंपनियों को समान कनेक्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने से रोकता है. उन्होंने कहा, “अगर एप्पल ऐसा न करता, तो शायद AirPods के बहुत बेहतर कंपीटिटर बाजार में उपलब्ध होते.”

एप्पल के नए VR हेडसेट पर निशाना

Mark Zuckerberg ने एप्पल के नए VR हेडसेट पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि “$3,500” की कीमत वाला विजन प्रो मेटा के सस्ते हेडसेट जितना अच्छा नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि एप्पल इसमें सुधार कर सकता है. जुकरबर्ग ने कहा, “उनका दूसरा और तीसरा वर्जन संभवतः पहले वर्जन से बेहतर होगा.”

रे-बैन स्मार्ट ग्लास और iPhone

जब मेटा ने अपने रे-बैन स्मार्ट ग्लास को iPhone के साथ काम करने के लिए लाने की कोशिश की, तो एप्पल ने ऐसा करने से मना कर दिया. जुकरबर्ग का दावा है कि एप्पल ने “सेफ्टी” को बहाने के तौर पर इस्तेमाल किया.