Mobikwik ने लॉन्च किया ई-रुपी वॉलेट, हर दिन UPI से 50,000 रुपये तक कर सकेंगे पेमेंट

Mobikwik ने ई-रुपी वॉलेट लॉन्च किया है. ऐसा करने वाली यह पहली फिनटेक कंपनी बन गई है. इसके लिए मोबिक्विक ने आरबीआई और यस बैंक के साथ मिलकर समझौता किया है.

मोबिक्विक Image Credit: tv9 भारतवर्ष

Mobikwik ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी वॉलेट ई-रुपी लॉन्च किया है. ऐसे में यह भारत की पहली फिनटेक कंपनी बन गई है. इसके लिए मोबिक्विक ने आरबीआई और यस बैंक के साथ मिलकर पार्टनरशिप की है. e₹ वॉलेट अब मोबिक्विक के सभी एंड्रॉयड यूजर्स इस्तेमाल कर सकेंगे. यह यूजर्स को पीयर-टू-पीयर और पीयर-टू-मर्चेंट ट्रांजेक्शन की सुविधा देगा. इसके जरिए अब यूजर्स e₹ का इस्तेमाल कर किसी भी यूपीआई क्यूआर कोड को स्कैन कर पेमेंट कर सकते हैं.

50,000 रुपये तक होगा ट्रांजेक्शन

मोबिक्विक ई-वॉलेट का उपयोग करने वाले यूजर्स किसी भी UPI QR कोड को स्कैन कर पेमेंट कर सकते हैं. हालांकि, नए यूजर्स को इस फीचर को एक्सेस करने के लिए वीडियो केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होगा. इस वॉलेट के जरिए आप रोजाना 50,000 रुपये तक का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. हालांकि, इसकी लिमिट 10,000 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन है. साथ ही इसमें 50 पैसे से लेकर 500 रुपये तक के डिनॉमिनेशन की सुविधा उपलब्ध होगी.

क्या बोले कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर

वहीं, मोबिक्विक के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर बिपिन प्रीत सिंह ने ई-वॉलेट के बारे में बताया कि e₹ वॉलेट की मदद से भारतीय करेंसी को डिजिटल बनाने और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इसे लाने का हमारा मकसद देश भर में डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देना और कैश पर निर्भरता कम करना है.

दरअसल डिजिटल करेंसी को लेकर शुरुआत में RBI ने केवल बैंकों को डिजिटल मुद्रा संभालने की अनुमति दी थी, लेकिन अप्रैल 2024 में, इसने नॉन-बैंकिंग इंस्टीट्यूशंस को भी अनुमति दी. अप्रैल 2009 में स्थापित, मोबिक्विक अपने 167 मिलियन यूजर्स और 4.4 मिलियन व्यापारियों के साथ बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा डिजिटल वॉलेट बन गई है.

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