इन पांच तरीकों से हो रही सबसे ज्यादा धोखाधड़ी, Google ने बताया बचने का तरीका

आजकल ऑनलाइन स्कैम करना धोखा करने वालों के लिए बाय हाथ का खेल बनता जा रहा है. Google की ट्रस्ट और सेफ्टी टीम ने ऐसे पांच स्कैम की लिस्ट बनाई जो ट्रेंडिंग है और सेफ्टी टिप्स भी दिए हैं.

गूगल ने बताया इन तरीकों से हो रही सबसे ज्यादा ठगी Image Credit: Freepik

आज के समय में ऑनलाइन स्कैम्स या धोखाधड़ी बहुत आम बात हो गई है. साइबर अपराधी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके लोगों को धोखा देने के नए तरीके खोज रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, गूगल ने अपने ट्रस्ट और सेफ्टी टीम द्वारा पहचाने गए 5 प्रमुख ऑनलाइन स्कैम ट्रेंड्स शेयर किए हैं और इनके खिलाफ सेफ्टी टिप्स दिए हैं.

डीपफेक

साइबर अपराधी AI-ड्रिवन डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल करके मशहूर हस्तियों की बहुत ही असली लगने वाली नकली वीडियो और तस्वीरें बना रहे हैं. इन फेक वीडियो के जरिए लोगों को फर्जी निवेश स्कीम में पैसा लगाने की सलाह दी जाती है.

सेफ्टी टिप: वीडियो में अगर बोलने वाले का हावभाव असामान्य लग सकता है, चेहरा ब्लर सा हो सकता है. कोई भी अनजान या संदिग्ध प्रमोशन से सावधान रहें.

क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट स्कैम

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े निवेश स्कैम लगातार बढ़ रहे हैं. यह फेक स्कीम अक्सर सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट का झूठा दावा करती हैं और गारंटीड या ज्यादा मुनाफा का लालच देती हैं. यह स्कीम संगठित अपराधियों द्वारा चलाए जाते हैं, जो पीड़ितों को देश के बाहर से फंसाते हैं.

सेफ्टी टिप: ऐसे किसी भी निवेश से सावधान रहें जो बिना जोखिम के बहुत ज्यादा मुनाफा देने का दावा करता हो.

ऐप और लैंडिंग पेज क्लोनिंग

यह स्कैम हाल के दिनों में सबसे आम हो गया है. इसमें अपराधी नकली ऐप्स और वेबसाइट बनाते हैं, जो असली ब्रांड्स की तरह दिखती हैं. इन नकली साइट्स का उद्देश्य पर्सनल डेटा चुराना, मैलवेयर इंस्टॉल करना, या गलत खरीदारी करवाना होता है. इसमें फर्जी कस्टमर सपोर्ट पोर्टल बनाकर संवेदनशील जानकारी या पैसे वसूले जाते हैं. कर्मचारियों को निशाना बनाने के लिए फेक लॉगिन पेज बनाए जाते हैं.

सेफ्टी टिप: किसी भी कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से ही जानकारी लें, साइट्स में स्पेलिंग, फॉर्मेटिंग, और असामान्य फॉन्ट्स की जांच करें.

लैंडिंग पेज क्लोकिंग

इसमें अपराधी गूगल की नजरों से बचने के लिए क्लोकिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. वे गूगल को अलग कंटेंट दिखाते हैं और यूजर्स को अलग, और फिर खतरनाक वेबसाइट पर ले जाते हैं. इस तकनीक से गूगल की मॉडरेशन टीम धोखाधड़ी वाले कंटेंट की समीक्षा नहीं कर पाती.

सेफ्टी टिप: लिंक पर क्लिक करने से पहले URL की जांच करें. सुनिश्चित करें कि लैंडिंग पेज का URL वही है जो आपने पहले देखा था.

बड़े इवेंट का फायदा उठाना

साइबर अपराधी प्राकृतिक आपदाओं, चुनावों, खेल आयोजनों, या शो जैसे बड़े कार्यक्रमों का फायदा उठाते हैं. AI का इस्तेमाल करके ऐसा कंटेंट बनाया जाता है जिसपर लोग विश्वास कर लेते हैं, जैसे अप्रैल सूर्य ग्रहण के दौरान NASA से जुड़े फेक प्रोडक्ट्स प्रमोट किए गए. प्राकृतिक आपदाओं के समय फर्जी चैरिटीज लोगों को धोखा देती हैं.

सेफ्टी टिप: दान या खरीदारी केवल विश्वसनीय प्लेटफॉर्म्स और वेरिफाइड वेबसाइट्स के जरिए करें.