जोश में चाइनीज मोबाईल कंपनियां, OnePlus, Xiaomi, Vivo बना रही रिवाइवल प्लान

भारत-चीन संबंधों में सुधार से चीनी स्मार्टफोन कंपनियां फिर सक्रिय हो रही हैं. वे ब्रांड प्रमोशन, मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का विस्तार कर रही हैं. OnePlus ने ₹6,000 करोड़ निवेश की ऐलान की, Vivo ने नया प्लांट खोला, और Xiaomi का लक्ष्य 25 करोड़ यूजर्स तक पहुंचना है. कंपनियां ग्रामीण बाजार में विस्तार और लोकलाइजेशन पर जोर दे रही हैं.

अक्टूबर में भारत-चीन के रिश्तों में सुधार का असर अब दोनों देशों के व्यापार पर दिख रहा है. कभी भारत के स्मार्टफोन मार्केट पर राज करने वाली चीनी कंपनियां एक बार फिर सक्रिय हो रही हैं. जानकारी के अनुसार, चीनी स्मार्टफोन कंपनियां भारत में अपने ऑपरेशनल एरिया का विस्तार कर रही हैं. वे फिर से ब्रांड प्रमोशन में निवेश कर रही हैं, डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त कर रही हैं और मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की योजना बना रही हैं.

क्या कर रही हैं चाइनीज स्‍मार्टफोन कंपनियां?

चीनी कंपनियां अपने ब्रांड प्रमोशन को देश में बढ़ा रही हैं. इसमें OnePlus, Xiaomi, Vivo और Oppo जैसी कंपनियां भारतीय ब्रांड एंबेसडर के साथ मार्केटिंग कर रही हैं और बड़े शहरों में होर्डिंग्स लगा रही हैं. इसके अलावा, वे प्रीमियम सेगमेंट पर फोकस कर रही हैं ताकि इस सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत कर सकें. चीनी कंपनियां लोकलाइजेशन पर भी ध्यान दे रही हैं, जिसमें वे अपने प्रचार को स्थानीय भाषा में लॉन्च कर रही हैं.

कितना है मार्केट शेयर?

2020 में भारत-चीन के बीच हुए सीमा विवाद के बाद चीनी कंपनियों की बाजार में हिस्सेदारी घटकर 67% रह गई थी. लेकिन इस साल, ये कंपनियां फिर से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हुए 75% तक पहुंच गई हैं.

विस्तार की योजना

देश में अपने विस्तार की योजना बनाते हुए चीनी कंपनियों ने कई नई योजनाओं का ऐलान किया है. जिसमें:

  • OnePlus ने भारत में ₹6,000 करोड़ का निवेश करने की ऐलान किया है.
  • Vivo ने 170 एकड़ का नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खोलने का ऐलान किया है.
  • Xiaomi का लक्ष्य 25 करोड़ नए यूजर्स तक पहुंचने का है.

ग्रामीण बाजार पर जोर

चीनी कंपनियां देश के छोटे शहरों में अपना नेटवर्क तेजी से फैला रही हैं. कंपनियों की योजना है कि इससे उनकी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर निर्भरता कम हो जाएगी.

सकारात्मक माहौल का फायदा

लद्दाख सीमा पर सैन्य तैनाती घटने के बाद भारत-चीन के बीच तनाव कम हुआ है. कंपनियों के अनुसार, अब माहौल पहले से ज्यादा सकारात्मक हो गया है और वे इसका फायदा उठाते हुए देश में अपना विस्तार करना चाहती हैं. चीनी स्मार्टफोन ब्रांड भारत में नए निवेश और लोकलाइजेशन के जरिए अपने खोए हुए स्थान को फिर से हासिल कर रहे हैं.