अपनाएं ये स्मार्ट तरीके, फोन चोरी होने पर भी चोर नहीं उठा पाएगा कोई फायदा; इस धारा के तहत होगी लंबी जेल
अगर आपका फोन चोरी हो गया या गुम हो गया है, तो तुरंत CEIR पोर्टल पर रिपोर्ट करें और फोन को ब्लैकलिस्ट कराएं ताकि कोई भी उसे नई सिम के साथ इस्तेमाल न कर सके. साथ ही, डेटा और बैंकिंग जानकारी सुरक्षित रखने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे. जानिए पूरी प्रक्रिया.
How To Recover Stolen Phone: आज के दौर में स्मार्टफोन सिर्फ एक डिवाइस नहीं, बल्कि हमारी निजी और वित्तीय जानकारी का भंडार है. ऐसे में अगर फोन खो जाए या चोरी हो जाए तो घबराने के बजाय तुरंत सही कदम उठाने की जरूरत होती है. फोन चोरी का मामला सिर्फ डिवाइस खोने तक सीमित नहीं रहता बल्कि इससे वित्तीय धोखाधड़ी, पहचान की चोरी और निजी डेटा के लीक होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
सबसे पहले क्या करें?
अगर आपका फोन चोरी हो जाए या गुम हो जाए, तो सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें और उसके बाद CEIR (Central Equipment Identity Register) पोर्टल पर रिपोर्ट करें. CEIR पोर्टल है- https://www.ceir.gov.in. इस पोर्टल की मदद से आपका खोया हुआ फोन ब्लैकलिस्ट हो जाता है और नई सिम डालने के बाद भी कोई नेटवर्क पर काम नहीं करेगा. रिपोर्ट के आधार पर पुलिस फोन को ट्रैक करने में सक्षम हो सकती है. फोन चोरी होने से पहले ही कुछ एहतियाती कदम उठाकर आप अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं.
- App Locker का इस्तेमाल करें – व्हाट्सएप, बैंकिंग ऐप्स और अन्य संवेदनशील एप्लिकेशन को लॉक करके रखें.
- सोशल मीडिया प्रोफाइल प्राइवेट करें – ताकि आपकी निजी जानकारी स्कैमर्स के हाथ न लगे.
- UPI PIN और बैंकिंग क्रेडेंशियल किसी के साथ साझा न करें – इससे वित्तीय धोखाधड़ी से बचा जा सकता है.
- Google Find My Device या iCloud का इस्तेमाल करें – यह चोरी होने पर फोन को ट्रैक करने और डेटा डिलीट करने में मदद करता है.
अगर चोरी हुआ फोन दोबारा बिकता मिले तो क्या करें?
अगर आपको अपने चोरी हुए फोन को ऑनलाइन या बाजार में बिकते हुए देखने को मिले, तो घबराने की बजाय कानूनी कार्रवाई करें.
- IT अधिनियम धारा 66B – चोरी हुए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को रखने वाले को 3 साल की जेल या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
- IPC धारा 411 (BNS की धारा 317) – चोरी किया हुआ सामान जानबूझकर रखने वाले को जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है.
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मामला कोर्ट में ले जाने से पहले फोन आपका है इसके लिए आप सबूत इकट्ठा करें. ऑनलाइन विज्ञापन, सेलर की डिटेल्स और रसीदों के स्क्रीनशॉट लें. पुलिस को तुरंत रिपोर्ट करें. इससे फोन वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है. केवल डिवाइस खोने का ही नहीं, बल्कि चोरी हुए फोन से कई तरह के खतरे हो सकते हैं:
- आइडेंटिटी थेफ्ट (पहचान की चोरी) – आपकी निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल हो सकता है.
- वित्तीय धोखाधड़ी – बैंकिंग ऐप्स, डिजिटल वॉलेट और UPI एक्सेस होने का खतरा रहता है.
- निजी डेटा का दुरुपयोग – फोन में सेव फोटोज, वीडियोज और मैसेज गलत हाथों में जा सकते हैं.
- ब्लैक मार्केट में बिक्री – कई बार चोर फोन को पार्ट्स में बेच देते हैं या नया IMEI नंबर डालकर दोबारा बेचने की कोशिश करते हैं.