अब रेलवे में भी चलेगा मस्क का Starlink! जानें क्या होगा फायदा

Starlink रेलवे में भी अपनी सेवाएं दे सकता है. मंत्री अश्विनी वैष्णव ने Starlink का स्वागत किया और इसे रेलवे परियोजनाओं के लिए उपयोगी बताया. हालांकि, बाद में उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया. अगर रेलवे Starlink से समझौता करता है, तो यात्रियों को बेहतर नेटवर्क मिलेगा.

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Starlink Service in Indian Railways: Reliance Jio और Bharti Airtel से समझौता करने के बाद Starlink अब रेलवे को भी अपनी सेवा दे सकता है. रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा की Starlink, भारत में आपका स्वागत है! यह दूरदराज के रेलवे परियोजनाओं के लिए उपयोगी होगा. इस बयान के बाद यह चर्चा तेज हो गई कि रेलवे भी एलन मस्क की कंपनी के साथ कोई समझौता कर सकता है. हालांकि, बाद में अश्विनी वैष्णव ने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया.

क्या होगा फायदा?

अगर रेलवे Starlink से समझौता करता है, तो यात्रियों को सीधा फायदा होगा. सफर के दौरान यात्रियों को नेटवर्क की समस्या का सामना करना पड़ता है. यह समझौता इस परेशानी को दूर कर सकता है. तो वहीं दुर्गम क्षेत्रों में चल रहे रेलवे प्रोजेक्ट्स में नेटवर्क की समस्या से भी राहत मिलेगी.

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Jio और Airtel से समझौता

हाल ही में Reliance Jio और Bharti Airtel ने Starlink के साथ साझेदारी की है. पहले ये कंपनियां स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर Starlink के खिलाफ थीं, लेकिन अब वे इसे भारत के डिजिटल भविष्य का अहम हिस्सा मान रही हैं. हालांकि, इन समझौतों को अभी सरकार की मंजूरी मिलनी बाकी है, लेकिन सरकार का सकारात्मक रुख यह दिखाता है कि Starlink का भारत में संचालन आसान हो सकता है.

Jio और Airtel की रणनीति में बदलाव

अब Jio और Airtel, Starlink को प्रतियोगी की बजाय एक बुनियादी जरूरत मान रहे हैं. Jio अपने रिटेल स्टोर्स में Starlink उपकरण बेचेगा, जिससे यह सेवा पूरे भारत में आसानी से उपलब्ध होगी. पहले, एलन मस्क और मुकेश अंबानी के बीच सैटेलाइट इंटरनेट के लिए एयरवेव्स आवंटन को लेकर विवाद था.

Starlink कैसे काम करता है?

  • सैटेलाइट नेटवर्क – SpaceX ने हजारों छोटे LEO (Low Earth Orbit) सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, जो पृथ्वी से 550-1200 किमी की ऊंचाई पर घूमते हैं.
  • यूजर टर्मिनल (डिश एंटीना) – ग्राहकों को Starlink किट (डिश एंटीना + राउटर) मिलती है, जो सैटेलाइट से सिग्नल पकड़कर इंटरनेट प्रदान करती है.
  • गेटवे स्टेशन – Starlink के ग्राउंड स्टेशन्स इंटरनेट बैकबोन से जुड़े होते हैं और सैटेलाइट के जरिए डेटा ट्रांसफर करते हैं.