दिन में 16 बार देखती हैं सूर्योदय- सूर्यास्त, किया स्पेस वॉक और रिसर्च; ISS में ऐसे बीते सुनीता विलियम्स के 9 महीने

नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर 9 महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद स्पेसएक्स क्रू-9 की मदद से 19 मार्च को धरती पर लौटेंगे. उनका मिशन तकनीकी खराबी के कारण लंबा हो गया. इस दौरान सुनीता ने माइक्रोग्रेविटी में लेट्यूस उगाने का प्रयोग किया. साथ ही उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन की सफाई और मेंटेनेंस भी किया, जिससे वैज्ञानिकों को नई जानकारियां मिलेंगी.

अंतरिक्ष में क्या कर रही हैं सुनीता विलियम्स. Image Credit: @tv9

नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर का धरती पर आने का 9 महीने का इंतजार अब खत्म हो गया है. क्योंकि उनकी वापसी के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का रॉकेट फॉल्कन 9 लॉन्च कर दिया गया है. इस रॉकेट को भारतीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे लॉन्च किया गया है. कहा जा रहा है कि 19 मार्च को सुनीता विलियम्स अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापस धरती पर आ जाएंगी. ऐसे में लोगों के जेहन में सवाल उठ रहा है कि आखिर सुनीता विलियम्स स्पेस स्टेशन में पिछले 9 महीने से क्या कर रही हैं.

खास बात यह है कि ISS हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है, जिससे वहां मौजूद वैज्ञानिक दिन में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं. यानी सुनीता विलियम्स भी दिन में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखती हैं.

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अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स क्या करती हैं

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में 9 महीने से फंसी हुई हैं. हालांकि, इसके बावजूद भी अंतरिक्ष में चुपचाप बैठीं नहीं, बल्कि कुछ न कुछ करती रहीं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुनीता विलियम्स ने माइक्रोग्रेविटी में लेट्यूस (सलाद के पत्ते) उगाने का काम किया है. हालांकि, यह सुनने में हैरान करने वाला है, लेकिन सच यही है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की कमांडर के रूप में यह उनका एक अनोखा प्रयोग था. यानी सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में एक किसान की भूमिका में नजर आईं. साथ ही उन्होंने दुनिया को यह दिखाया कि भविष्य में अंतरिक्ष में भी खेती करना संभव हो सकता है.

कब से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं सुनीता

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जून 2024 के पहले हफ्ते से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं. हालांकि, वे अंतरिक्ष मिशन के तहत सिर्फ एक हफ्ते के लिए गए थे. लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आने के चलते उनका मिशन 9 महीने लंबा खिंच गया. अब स्पेसएक्स क्रू-9 की मदद से दोनों की वापसी हो रही है. इस दौरान दोनों ने अंतरिक्ष स्टेशन पर कई अहम प्रयोग और शोध किए, जो भविष्य में वैज्ञानिकों के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं.

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माइक्रोग्रेविटी में सब्जियां कैसे बढ़ती हैं

अंतरिक्ष में लेट्यूस उगाने का मुख्य मकसद यह है कि दोनों बताना चाहते हैं कि माइक्रोग्रेविटी में सब्जियां कैसे बढ़ती हैं और पानी की मात्रा का उन पर क्या असर पड़ता है. यह रिसर्च भविष्य में अंतरिक्ष में खेती के लिए मददगार साबित हो सकती है. नासा के अनुसार, सुनीता विलियम्स ने अपने दिन की शुरुआत एडवांस्ड प्लांट हैबिटेट तैयार करने से की थी.

लेट्यूस के पोषण स्तर को भी प्रभावित करते हैं

इस एक्सपेरिमेंट का मकसद सुनीता विलियम्स को यह समझना है कि अलग-अलग नमी स्तर न सिर्फ पौधों की ग्रोथ पर असर डालते हैं, बल्कि लेट्यूस के पोषण स्तर को भी प्रभावित करते हैं. सुनीता विलियम्स ने स्पेस में सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोग ही नहीं, बल्कि स्पेस स्टेशन की देखरेख का काम भी किया है. पिछले साल उन्होंने ट्रैंक्यूलिटी मॉड्यूल की सफाई और मेंटेनेंस किया, जिसमें हाइजीन कंपार्टमेंट को साफ करना और वेस्ट हटाना शामिल था.