BSNL का 4G चलाने के लिए लेना होगा 5G फोन, जानें क्या है इसकी वजह
BSNL अपनी 4G सेवाओं को लॉन्च करने के लिए दो स्पेक्ट्रम बैंड का उपयोग कर रहा है 2,100 मेगाहर्ट्ज और 700 मेगाहर्ट्ज. जबकि 2,100 मेगाहर्ट्ज का उपयोग 4G सेवाओं के लिए किया जाता है, 700 मेगाहर्ट्ज बैंड 5G बैंड है.
BSNL की 4G सेवा का इंतजार कर रहे उपभोक्ताओं को एक अजीब दुविधा का सामना करना पड़ सकता है. उन्हें 4G सेवाओं का लाभ लेने के लिए 5G हैंडसेट खरीदना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि BSNL अपनी 4G सेवाओं को लॉन्च करने के लिए दो स्पेक्ट्रम बैंड का उपयोग कर रहा है 2,100 मेगाहर्ट्ज और 700 मेगाहर्ट्ज. जबकि 2,100 मेगाहर्ट्ज का उपयोग 4G सेवाओं के लिए किया जाता है, 700 मेगाहर्ट्ज बैंड 5G बैंड है.
सरकार ने वर्तमान में 4G सेवाओं के लिए BSNL को 700 मेगाहर्ट्ज बैंड आवंटित किया है, जिसका उपयोग ऑपरेटर 5G के लॉन्च के लिए तैयार होने के बाद कर सकता है. जहां तक 700 मेगाहर्ट्ज बैंड की बात है, तो डिवाइस इकोसिस्टम अभी 5G सेवाओं को सपोर्ट करने के लिए पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है.
रिलायंस जियो, जो 2022 की नीलामी में 700 मेगाहर्ट्ज बैंड खरीदने वाला एकमात्र ऑपरेटर था, अभी भी अपनी 5G सेवाओं के लिए इसका इस्तेमाल नहीं कर रहा है. हालांकि, सरकार भी इन विसंगतियों से अवगत है. दूरसंचार विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को सूचित किया है कि वह मोबाइल फोन निर्माताओं को सलाह दें कि वे अपने उपकरणों को 4G के लिए BSNL के 700 मेगाहर्ट्ज या B28 बैंड के अनुकूल बनाएं.
दरअसल, स्मार्टफोन कंपनियों को भेजी गई सलाह में दोनों मंत्रालयों ने उन्हें आगामी 4G स्मार्टफोन के उत्पादन में 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को शामिल करने के लिए कहा है. इसके अलावा, BSNL स्मार्टफोन कंपनियों के साथ समझौता करने पर भी काम कर रही है ताकि उनके आने वाले डिवाइस 4G और 5G सेवाओं के लिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के अनुकूल हों.
आपको बता दें कि वर्तमान में BSNL की बाजार हिस्सेदारी 7.3% है, जबकि जियो की हिस्सेदारी 40.7% है. इसके बाद भारती एयरटेल की हिस्सेदारी 33.2% और वोडाफोन आइडिया की हिस्सेदारी 18.6% है. कंपनी ने 4G कवरेज के लिए करीब 25,000 साइट्स स्थापित की हैं. सरकार ने अब तक BSNL और MTNL के लिए तीन पैकेजों के तहत 3.2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और 2025 तक BSNL के लिए 25% बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है.