1.36 लाख वाला iPhones 2.10 लाख में बिकेगा, ट्रंप का टैरिफ वार पड़ेगा भारी

Trump प्रशासन के नए टैरिफ का सीधा असर Apple iPhones की कीमतों पर पड़ सकता है. चीन (54 फीसदी), वियतनाम (46 फीसदी) और भारत (26 फीसदी) पर भारी टैरिफ लगने से Apple की प्रोडक्शन कास्ट बढ़ जाएगी. कंपनी या तो खुद इस लागत को उठाएगी या इसे ग्राहकों पर डाल सकती है. बढ़ी हुई कीमतों का असर जल्द ही अमेरिका के Apple Stores में दिख सकता है.

Trump प्रशासन के नए टैरिफ का सीधा असर Apple iPhones की कीमतों पर पड़ सकता है. Image Credit: money9live

Trump tariffs make iPhones expensive: अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump ने 2 अप्रैल को दुनिया के 180 देशों पर Reciprocal Tax लगाने का ऐलान किया. इस फैसले से इन देशों के प्रोडक्ट्स अमेरिका में महंगे हो जाएंगे. हालांकि, इसका सबसे बड़ा असर अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी Apple पर देखने को मिलेगा. Apple iPhones की कीमत अमेरिका में पहले से ज्यादा बढ़ सकती है, जिसका खामियाजा अमेरिकी iPhone यूजर्स को उठाना पड़ सकता है.

फैसले से Apple की प्रोडक्शन यूनिट्स पर असर

Trump प्रशासन ने जिन देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, उनमें कई ऐसे देश शामिल हैं जहां Apple की प्रोडक्शन यूनिट्स स्थित हैं और जहां से दुनियाभर में iPhone की सप्लाई होती है. इनमें चीन (54 फीसदी), वियतनाम (46 फीसदी) और भारत (27 फीसदी) पर भारी टैरिफ लगाया गया है. ये तीनों देश Apple के सबसे बड़े प्रोडक्शन सेंटर हैं, जिससे iPhones की लागत बढ़ना तय माना जा रहा है.

कितनी बढ़ेगी कीमत

अमेरिका में अभी iPhone 16 Pro Max (1TB) की मौजूदा कीमत $1,599 (1.36 लाख रुपये)  है और अगर यह चीन में बना होगा, तो अब इस पर 54 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा. इसके बाद इसकी नई कीमत $2,462.46  (2.10 लाख रुपये) हो जाएगी, यानी कीमत में $863.46 का इजाफा होगा. वहीं, अगर यह भारत में असेंबल हुआ होगा तो इस पर अब 26 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा. इसके बाद इसकी नई कीमत $2,014.74 हो जाएगी, यानी कीमत में $415.74 का इजाफा होगा.

इन देशों में कितना होता है iPhone प्रोडक्शन?

रिपोर्ट के मुताबिक, Apple का लगभग 80 फीसदी iPhone प्रोडक्शन चीन में Foxconn और अन्य कंपनियों के माध्यम से किया जाता है. वहीं, वियतनाम Apple की सप्लाई चेन में तेजी से उभर रहा है और यहां 90 फीसदी Apple Watch और 20 फीसदी iPads का मैन्युफैक्चर होता है. दूसरी ओर, भारत में वर्तमान में 10-15 फीसदी iPhones असेंबल किए जाते हैं और यह आंकड़ा भविष्य में और बढ़ने की संभावना है.

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बढ़ी हुई लागत को कौन उठाएगा?

टैरिफ के चलते iPhone की बढ़ी हुई लागत को Apple खुद वहन करेगी या ग्राहकों पर डालेगी, यह बड़ा सवाल है. 2018 में जब Trump प्रशासन ने टैरिफ बढ़ाया था, तब Apple ने अपने एक्सेसरीज़ की कीमतों में बढ़ोतरी की थी, लेकिन iPhones की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा था. लेकिन इस बार लगभग सभी प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब प्रभावित हो रहे हैं, जिससे यह संभावना बढ़ गई है कि Apple अपने प्रोडक्ट्स की कीमत बढ़ाएगी. यानी अब ग्राहकों को iPhones के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है.