Apple, Nvidia जैसे टेक दिग्गजों को मिली राहत, इन प्रोडक्ट्स को किया ‘टैरिफ’ से बाहर- ये है फैसले की बड़ी वजह
Trump सरकार ने रेसिप्रोकल टैरिफ के खतरे के बीच स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट को टैरिफ के दायरे से बाहर कर दिया है, जिससे Apple और Nvidia जैसी बड़ी टेक कंपनियों को राहत मिली है.
Tariff Exemption on Computers, Laptop: ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के खतरे के बीच अमेरिकी सरकार ने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और बाकी इलेक्ट्रॉनिक चीजों को रेसिप्रोकल टैरिफ के दायरे से बाहर कर दिया है यानी इन पर रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगेगा. इसका मतलब है कि Apple और Nvidia जैसी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों को फिलहाल थोड़ी राहत मिली है फिर भले ही ये राहत भी अस्थायी ही क्यों न हो. बीते शुक्रवार रात अमेरिका के कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन विभाग ने एक पूरी लिस्ट जारी की जिस पर रेसिप्रोकल टैरिफ का असर नहीं होगा. चलिए जानते हैं किन चीजों को रेसिप्रोकल टैरिफ से राहत मिली है और क्यों?
उन चीजों की लिस्ट जिन्हें इस टैक्स से छूट मिली है:
- कंप्यूटर और डेटा प्रोसेसिंग मशीनें
- कंप्यूटर के पार्ट्स और एक्सेसरीज
- सेमीकंडक्टर बनाने वाली मशीनें
- स्मार्टफोन
- डेटा ट्रांसफर और कन्वर्जन करने वाली मशीनें
- सॉलिड-स्टेट स्टोरेज डिवाइसेज (जैसे SSDs)
- टच स्क्रीन वाले डिस्प्ले मॉड्यूल
- कंप्यूटर से जुड़ने वाले मॉनिटर
- डॉयोड्स, ट्रांजिस्टर, चिप्स और सेमीकंडक्टर डिवाइसेज
ये छूट उन प्रोडक्ट्स पर लागू होगी जो 5 अप्रैल 2025 तक बिकने के लिए कंपनियों के गोदाम से बाहर निकल चुके होंगे.
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ट्रंप के फैसले से किसे मिलेगा फायदा?
- टेक कंपनियों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. टैरिफ की खबरों से पहले Apple जैसी दिग्गज टेक कंपनियों के शेयर गिर गए थे. सिर्फ Apple का 640 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. इस छूट से शेयर मार्केट को थोड़ी स्थिरता भी मिल सकती है और नुकसान रोका जा सकता है.
- आम ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा. अगर इन पर टैरिफ लग जाता, तो iPhone और लैपटॉप जैसी चीजों के दाम बहुत बढ़ जाते. ये सब चीन और बाकी देशों से भारी मात्रा में इंपोर्ट होते हैं. इस टैरिफ से महंगाई बढ़ने का खतरा था.
- अमेरिका की इकोनॉमी भी फायदे में हो सकती है क्योंकि 90% से ज्यादा iPhones चीन में बनते हैं. सेमीकंडक्टर की सप्लाई भी ज्यादातर एशिया से आती है. इन सबका प्रोडक्शन अगर अमेरिका में शिफ्ट करना हो, तो इसमें सालों लग जाएंगे और बहुत पैसा भी खर्च होगा. ऐसे में तुरंत टैरिफ लगाना उल्टा नुकसान करता.