Uber का नया नियम! ऑटो ड्राइवर करेंगे अपनी मर्जी का किराया तय, कस्टमर को नहीं देना होगा कैंसलेशन चार्ज
Uber ने अपने ऑटो ड्राइवरों के लिए बड़ा बदलाव करते हुए कमीशन-आधारित मॉडल को खत्म कर दिया है और अब सब्सक्रिप्शन-आधारित मॉडल लागू किया है. इसके तहत ड्राइवर अब हर राइड पर कमीशन नहीं देंगे.
Uber moves to cash-only mode: राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म Uber ने अपने ऑटो ड्राइवर्स के लिए बड़ा बदलाव करते हुए कमीशन-आधारित मॉडल से हटकर सब्सक्रिप्शन-आधारित मॉडल अपनाने का फैसला किया है. अब ड्राइवरों को हर राइड पर कमीशन नहीं देना होगा बल्कि वे एक निश्चित सब्सक्रिप्शन शुल्क देकर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकेंगे. इस मॉडल के तहत 18 फरवरी से सभी ऑटो राइड केवल कैश में ही उपलब्ध होंगी.
कैसे काम करेगा नया मॉडल?
Uber ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में स्पष्ट किया कि नए SaaS (Software-as-a-Service) मॉडल में कंपनी केवल एक प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगी. Uber यात्रियों को नजदीकी ड्राइवर से जोड़ेगा लेकिन किराया तय करने और भुगतान करने का निर्णय पूरी तरह से ड्राइवर और यात्री के बीच होगा. Uber अब किसी भी राइड पर कमीशन नहीं लेगा और कंपनी का राइड कैंसलेशन शुल्क वसूलने से भी कोई संबंध नहीं रहेगा.
Uber ने इस मॉडल को पिछले साल अप्रैल में चेन्नई, कोच्चि और विशाखापत्तनम सहित छह शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया था. अब इसे पूरे भारत में लागू किया जा रहा है.
Uber के प्रवक्ता ने कहा कि “चूंकि इंडस्ट्री अब सब्सक्रिप्शन-आधारित मॉडल की ओर बढ़ रही है, हमने भी कंपटीशन में बने रहने के लिए यह कदम उठाया है.” बता दें कि Rapido और कुछ अन्य कंपनियां पहले ही इस मॉडल को अपना चुकी हैं जिससे ऑटो ड्राइवरों को अधिक लाभ मिल रहा है.
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ड्राइवरों के लिए क्या होगा फायदा?
- नए मॉडल में ड्राइवरों को राइड के बदले कमीशन नहीं देना होगा.
- ड्राइवर हर ट्रिप की पूरी कमाई अपने पास रख सकेंगे.
- Uber अब सिर्फ एक मिडिलमैन की भूमिका निभाएगा, जिससे ड्राइवरों की स्वतंत्रता बढ़ेगी.
- किराया ड्राइवर और यात्री आपसी सहमति से तय करेंगे.
पिछले कुछ सालों में Uber और Ola जैसी कंपनियों के खिलाफ ड्राइवरों द्वारा कई बार हड़तालें की गई हैं. मुख्य कारण था इन कंपनियों द्वारा ली जाने वाली हाई कमीशन फीस, जिससे ड्राइवरों की आमदनी पर असर पड़ता था. सब्सक्रिप्शन मॉडल से अब यह समस्या खत्म हो सकती है.