सैटेलाइट इंटरनेट की रेस में वोडाफोन आइडिया की एंट्री, स्टारलिंक और इस कंपनी पर नजर

Vodafone Idea (Vi) ने Starlink और OneWeb जैसी सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियों के साथ साझेदारी पर चर्चा शुरू कर दी है. कंपनी का लक्ष्य उन इलाकों में इंटरनेट सेवा देना है, जहां टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर और फाइबर बिछाना मुश्किल है. Vi ने कहा कि वह सही पार्टनर चुनने के लिए दो-तीन कंपनियों से बातचीत कर रही है.

Vodafone Idea (Vi) ने Starlink और OneWeb जैसी सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियों के साथ साझेदारी पर चर्चा शुरू कर दी है. Image Credit:

Satellite Internet Vodafone Idea : देश में Starlink की इन डायरेक्ट एंट्री के साथ ही टेलीकॉम कंपनियों के बीच होड़ मच गई है कि कौन पहले सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करेगा. सबसे पहले Airtel ने Starlink के साथ साझेदारी की और उसके अगले ही दिन Jio ने भी Starlink के साथ डील का ऐलान किया. अब Vodafone Idea (Vi) ने भी Starlink के साथ बातचीत शुरू कर दी है. इसके अलावा, Vi अन्य सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियों जैसे OneWeb से भी बातचीत कर रही है. कंपनी का लक्ष्य उन इलाकों में इंटरनेट सर्विस देने का है , जहां टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना और ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाना मुश्किल है.

दो-तीन कंपनियों से चर्चा जारी

Moneycontrol की रिपोर्ट के मुताबिक, वोडाफोन इंडिया Starlink के अलावा दो-तीन अन्य कंपनियों से बातचीत कर रही है. कंपनी के एक अधिकारी के अनुसार Vi अपनी रणनीति के अनुसार तय करेगी कि किसके साथ साझेदारी करना फायदेमंद रहेगा.

क्या है Vodafone Idea की रणनीति?

Vi की योजना मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में सेवाएं देने की है, जहां फिक्स्ड वायरलेस या मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है. हालांकि, फिक्स्ड वायरलेस ब्रॉडबैंड फिलहाल उनकी प्राथमिकता में शामिल नहीं है. इसलिए, कंपनी सही साझेदार चुनने के लिए चर्चा कर रही है.

ये भी पढ़ें- पुल ट्रांजैक्शन UPI में नया फ्रॉड, यूजर हो जाएं अलर्ट, ऐसे खाली हो जाता है अकाउंट

Vodafone Idea का 5G प्लान

Vi मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में 5G नेटवर्क का कमर्शियल लॉन्च कर रही है. इसके अलावा, कंपनी 5G फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) सेवा के ट्रायल भी कर रही है. हालांकि, फाइबर-टू-द-होम (FTTH) सेवाओं में Vi की मौजूदगी सीमित है, क्योंकि कंपनी के पास केवल YOU Broadband का छोटा ऑपरेशन है.

सैटेलाइट इंटरनेट को लेकर चुनौतियां

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, Jio और Airtel के Starlink के साथ टाई-अप से वे दूरदराज के इलाकों में टेलीकॉम सेवाएं बढ़ा सकेंगे, साथ ही B2B कनेक्टिविटी और एंटरप्राइज सॉल्यूशंस का विस्तार कर पाएंगे. हालांकि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड भारत में मेन इंटरनेट प्रोवाइडर नहीं बनेगा, क्योंकि FWA पहले ही कई समस्याओं का समाधान कर चुका है. इसके अलावा महंगे कस्टमर प्रीमाइसेस इक्विपमेंट (CPE) इसे सिर्फ विशेष हाई-स्पीड कनेक्टिविटी जरूरतों के लिए सही बनाते हैं ना कि आम जनता के लिए.