स्टारलिंक, फाइबर ब्रॉडबैंड और 4G/5G में क्या है फर्क, स्पीड से लेकर कॉस्ट तक जानें आपके लिए क्या फायदेमंद
देश में टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही है, ऐसे में इंटरनेट सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए लगातार नई-नई सर्विसेज पेश की जा रही हैं. कुछ समय पहले तक जहां 4जी और 5जी नेटवर्क का बोलबाला था, वहीं अब मार्केट में एलन मस्क की स्टारलिंक की चर्चा है. तो कौन-सी सर्विस है ज्यादा बेहतर और किफायती यहां समझें डिटेल.

Internet Service: सैटेलाइट इंटरनेट की दिग्गज कंपनी एलन मस्क की स्टारलिंक आखिरकार भारत में एंट्री लेने को तैयार है, इसके लिए कंपनी ने भारत की रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ साझेदारी की है. इससे देश के सबसे दूर-दराज के इलाकों तक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड लाने की उम्मीद है. अभी पहले से ही फाइबर ब्रॉडबैंड और 4G/5G इंटरनेट का राज है. ऐसे में स्टारलिंक के आने से टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्या बदलाव आएंगे. इसका आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा और मौजूदा इंटरनेट सर्विस में क्या फर्क है आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.
स्टारलिंक की खासियत
स्टारलिंक लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट का उपयोग करता है, जो पृथ्वी से केवल 550 किलोमीटर ऊपर स्थित है. स्टारलिंक के अनुसार, अन्य सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएँ सिंगल जियोस्टेशनरी सैटेलाइट से आती है, जो ग्रह की परिक्रमा 35,786 किलोमीटर पर करते हैं, जिससे लेटेंसी ज्यादा हो जाती है. मगर स्टारलिंक सैटेलाइट के पास होने से लेटेंसी को कम करके 25 से 50 मिलीसेकंड तक कर देती है, जो गेमिंग और वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग जैसे रीयल-टाइम की चीजों के लिए बेहतर है. इंटरनेट लेटेंसी का मतलब वो समय होता है जो डेटा को आपके डिवाइस से किसी गंतव्य जैसे सर्वर तक पहुंचने में लगता है. इसे मिलीसेकंड में मापा जाता है. कम लेटेंसी का मतलब है तेज और ज्यादा बेहतर इंटरनेट कनेक्शन.
महंगा है स्टारलिंक
स्टारलिंक उन क्षेत्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जहां फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाना अव्यवहारिक या महंगा है. 5,000 रुपये से 7,000 रुपये प्रति माह की प्रीमियम कीमत पर यह 25 एमबीपीएस से 220 एमबीपीएस तक की स्पीड देने का वादा करता है. इसमें 25,000 रुपये या उससे अधिक का हार्डवेयर खर्च भी हो सकता है, हालांकि देश में स्टारलिंक इंटरनेट के लिए सटीक दरों का खुलासा ऑपरेटरों की ओर से अभी तक नहीं किया गया है.
फाइबर ब्रॉडबैंड शहरों और कस्बों में है हिट
शहरों और कस्बों में, फाइबर ब्रॉडबैंड बेहतर है. जियो फाइबर, एयरटेल, या स्थानीय इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों से सर्विस 40 एमबीपीएस से लेकर 1 जीबीपीएस से ज्यादा की स्पीड देती है, जिसकी कीमत 400 रुपये प्रति माह से शुरू होती है. फाइबर ऑप्टिक तकनीक केबलों के जरिए प्रकाश संकेतों का उपयोग करके डेटा संचारित करती है. इसमें लेंटेंसी 1 से 5 मिलीसेकंड तक है. यह स्ट्रीमिंग, गेमिंग और वर्क-फ्रॉम-होम सेटअप के लिए लिहाज से बेहतर है.
यह भी पढ़ें: कौन है Fevicol के मालिक, जिनका आज भी चलता है सिक्का, पहले केमिकल बनाती थी कंपनी
4जी और 5जी नेटवर्क है किफायती
भारत में सबसे सुलभ विकल्प के तौर पर 4जी और 5जी मोबाइल नेटवर्क है. ये सर्विस किफायती भी हैं. इसमें आपको 20 रुपये से कम की लागत या 199 रुपये प्रति माह से शुरू होने वाले अनलिमिटेड प्लान की सुविधा मिलती है. हालांकि स्पीड अलग-अलग प्लान के हिसाब से निर्भर कर सकती है. वायरलेस नेटवर्क 5जी के लिए 20 मिलीसेकंड और 4जी के लिए 50 मिलीसेकंड से ज्यादा की लेटेंसी है. इस सर्विस से घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिवटी एक चुनौती है. इसके साथ ही अगर आपके फ़ोन या डिवाइस में हॉटस्पॉट विकल्प है, तो आप एक वाई-फाई का पर्सनल हॉटस्पॉट बना सकते हैं और अपने लैपटॉप या अन्य उपकरणों पर इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं.
Latest Stories

प्रकाश राज, विजय देवरकोंडा समेत 25 लोगों पर FIR, बेटिंग ऐप प्रमोट करने का आरोप; लगी ये धाराएं

क्रिप्टो फ्रॉड: फिशिंग से लेकर AI तक- स्कैमर्स के ये 6 तरीके, जानें कैसे करें खुद को सेफ

Grok AI के गाली पर लगाम लगाएगी सरकार, X से शुरू की बात
