आग और एक्सीडेंट से कैसे बचाता है अटल सेतु पर लगा Thermal Camera? जानें क्या है ये टेक्नोलॉजी

आमतौर पर सड़कों पर भीड़ या आग लगने जैसी स्थिति में थर्मल कैमरे की जरुरत काफी बढ़ जाती है. सेतु पर अलग-अलग जगहों पर तकरीबन 190 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमरे इंस्टॉल किए गए है. जानिए आखिर थर्मल कैमरा होता क्या है.

अटल सेतु पर लगा थर्मल कैमरा कैसे करता है काम है? Image Credit: @Money9live/@EFKON STRABAG

अटल सेतु की शुरुआत 12 जनवरी, 2024 को हुई थी. यानी पुल को शुरू हुए एक साल का समय होने वाला है. अटल सेतु नवी मुम्बई से साउथ मुम्बई को जोड़ता है. यह भारत का सबसे बड़ा समुद्री पुल है जिसकी लंबाई 21.8 किलोमीटर है.

पुल के निर्माण के बाद इसकी कई खूबियों को लेकर चर्चा की गई थी. उन्हीं में से एक थर्मल कैमरा भी है. थर्मल कैमरा जिसके इस्तेमाल से पुल पर होने वाली भीड़भाड़, आग और एक्सीडेंट्स को रोका या कम किया जा सकता है. आज हम आपको उसी AI ड्रिवन थर्मल कैमरे के बारे में बताएंगे.

क्या है थर्मल कैमरा?

इसको आप मेट्रो स्टेशन पर लगे हुए कैमरा से समझ सकते हैं. अगर आप मेट्रो स्टेशन में एंट्री करते हैं, वहां पर आपके सामान के साथ आपकी भी स्क्रीनिंग होती है. लेकिन जिस केबिन में आप अपने सामान को रखते हैं, उसकी स्कैनिंग थर्मल कैमरे की मदद से ही होती है. अटल सेतु पर कुल 190 AI बेस्ड थर्मल कैमरा को इंस्टॉल किया गया है. ये काफी एडवांस तरीका है जिसकी मदद से भीड़-भाड़ से लेकर सड़क हादसों को रोका जा सकता है.

फोटो क्रेडिट: EFKON STRABAG

दूसरे सेंसर की तुलना में थर्मल सेंसर काफी एडवांस होता है. थर्मल कैमरा जिसे थर्मोग्रॉफिक कैमरा और TIC डिवाइस भी कहते हैं, इसकी मदद से अधिक रेडिएशन वाले तापमान को आसानी से पहचान कर तय एक्शन लिया जा सकता है. थर्मल कैमरे का इस्तेमाल कई जगहों पर किया जाता है. आग लगने की स्थिति में फायरफाइटर्स इसका इस्तेमाल धुंध और अंधेरे में लोगों को देख कर बचाने के लिए करते हैं.

अटल सेतु पर थर्मल कैमरा

आमतौर पर सड़कों पर भीड़ या आग लगने जैसी स्थिति में थर्मल कैमरे की जरुरत काफी बढ़ जाती है. सेतु पर अलग-अलग जगहों पर तकरीबन 190 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमरे इंस्टॉल किए गए है. अगर किसी गाड़ी में आग लगी है या फिर वह गाड़ी ज्यादा गर्म होती है तब उन कंट्रोल सेंटर पर मॉनिटर के सामने बैठे लोगों को इस बदलाव को लेकर कम्युनिकेशन पहुंचता है. उसके आधार पर वह एक्शन लेते हुए एडवांस अलर्ट जारी करते हैं.

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थर्मल कैमरा दिन और रात, दोनों ही समय में अच्छे विज्युअल्स देता है. आग के अलावा थर्मल कैमरे की मदद से होने वाले एक्सीडेंट्स को भी फ्लैग कर सकता है. किसी भी अनयूजुअल मूवमेंट को भी थर्मल कैमरा रिपोर्ट करते हुए कंट्रोल सेंटर से कम्युनिकेट करता है. थर्मल के अलावा सेतु पर 36 अंडर ब्रिज हाई डेफिनेशन कैमरा भी लगाए गए हैं जिनकी मदद से 24 घंटे पुल पर निगरानी रखी जा सके.

मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) परियोजना में टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स और लार्सन एंड टुब्रो समेत कई कंपनियों ने अपनी-अपनी भूमिकाएं निभाईं, जिससे यह परियोजना सफलतापूर्वक पूरी हो सकी. हालांकि थर्मल कैमरों के इंस्टॉलेशन की बात करें तो ये जिम्मेदारी EFKON STRABAG इंडिया ने पूरी की. कंपनी इस परियोजना में मल्टी-मोड टोलिंग ऑपरेशन्स के लिए भी जिम्मेदार हैं, जो भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है. इस प्रणाली का उद्देश्य ‘जिरो ट्रैफिक’ सुनिश्चित करना और प्रति वर्ष 47,421 टन CO₂ उत्सर्जन की बचत करना है.