जुकरबर्ग बोले भूल जाइए स्मार्टफोन, मोबाइल की जगह लेगा ये डिवाइस

बदलती फ्यूचर की टेक्नोलॉजी संकेत देती है कि आने वाले समय में स्मार्टफोन की जगह अब स्मार्ट ग्लास लेगा. इसकी जानकारी मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने दी. उन्होंने बताया कि मेटा और एप्पल जैसी कंपनियां इस तकनीक को लाने के लिए ज्यादा से ज्यादा निवेश कर रही हैं.

मार्क जुकरबर्ग.

मोबाइल फोन (Mobile Phone) आज की दुनिया में हमारे जीवन का ऐसा साथी बन गया है, जिसके बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल हो गया है. बीते तीन दशकों में इसने न केवल हमारे संवाद के तरीके को बदल दिया है, बल्कि हमारी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. स्मार्टफोन ने कम्युनिकेशन के साथ-साथ हमें खबरें, बैंकिंग, ऑनलाइन खरीदारी और अनगिनत सुविधाओं का ऐसा प्लेटफॉर्म दिया है, लेकिन बदलती टेक्नोलॉजी के चलते जैसे पुरानी डिवाइस की जगह नई डिवाइस लेती है और वह पुरानी डिवाइस से बेहतर फीचर्स और टेक्नोलॉजी मुहैया कराती है, वैसे ही मोबाइल फोन के साथ भी होने वाला है. जी हां, फ्यूचर में मोबाइल फोन की टेक्नॉलॉजी पुरानी हो सकती हैं यानी मोबाइल फोन की जगह स्मार्ट ग्लास ले लेंगे. इसकी जानकारी मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने दी. उन्होंने बताया कि टेक्नोलॉजी में जिस तरह का परिवर्तन हो रहा है, वह स्मार्ट ग्लास की संभावना को बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा कि मेटा और ऐप्पल जैसी कंपनियां इस टेक्नोलॉजी को लाने में जुट गई हैं. ऐप्पल का विजन प्रो ऑगमेंटेड रियलिटी वियरेबल्स में सबसे आगे है.

मार्क जुकरबर्ग( Mark Zuckerberg) का मानना है कि आने वाले दस साल के अंदर स्मार्ट ग्लास की लोकप्रियता और उपयोगिता स्मार्टफोन से बहुत आगे निकल जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल कुछ ही कामों के लिए करेंगे. बाकी समय उनका फोन उनकी जेब में ही रहेगा और वे अपने चश्मे से ही अधिकतर काम कर सकेंगे. लोग फोन की जगह अपने चश्मे के जरिए ही आसानी से काम करेंगे.

ये स्मार्ट चश्मे क्या कर सकते हैं?

ये स्मार्ट ग्लास ऑगमेंटेड सुविधाओं के जरिए डिजिटल फीचर्स के साथ हमारी आंखों के सामने ही सारी जानकारी देंगे, जैसे लोकेशन देखना, जानकारी लेना. इसकी डिजाइनिंग इस तरीके से की गई है कि यह हमें असली दुनिया का अनुभव कराए. इसका मतलब है कि टेक्नोलॉजी अब और आसान और जल्दी इस्तेमाल में आ सकेगी.

इसे भी पढ़ें- MahaKumbh 2025: जानें कैसे कर सकते हैं अपना टेंट बुक और किस दिन लगाना है डुबकी

क्या कम्युनिकेशन में नए युग की शुरुआत हो रही है?

जैसा कि मार्क जुकरबर्ग ने बताया है, हम इस तकनीकी विकास के कगार पर खड़े हैं. इसलिए यह सोचना उचित है कि ये बदलाव हमारी रोजमर्रा की दिनचर्या को प्रभावित करेगा. स्मार्टफोन से स्मार्ट ग्लास पर जाने का मतलब सिर्फ बेहतर गैजेट प्राप्त करना नहीं है. यह डिजिटल चीजों को देखने और उनसे बातचीत करने के हमारे तरीके को बदलने के बारे में भी है. यह परिवर्तन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि भविष्य में संचार और कनेक्टिविटी के लिए इसका क्या मतलब होगा.