अमेरिका में 40 हजार सरकारी कर्मचारियों का इस्तीफा,जानें क्या था ट्रंप का ऑफर
डोनाल्ड ट्रंप को लेकर इन दिनों हर जगह चर्चा हो रही है. एक तरफ उनकी टैरिफ नीति ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है, वहीं अब उनका बायआउट ऑफर अमेरिकी कर्मचारियों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा कर रहा है. इस बायआउट ऑफर को लेकर अमेरिका में विरोध भी हो रहा है. इसे ट्रंप की खर्च में कटौती की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है.
Donald Trump: ट्रंप की वापसी ने अमेरिका सहित पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा दी है. आते ही उन्होंने कई देशों को टैरिफ की चुनौती दी है. इसके अलावा, उनके कुछ फैसलों ने अमेरिका में भी बवाल मचा दिया है, जिसे लेकर मुकदमा भी दायर किया गया है.
ट्रंप के आने के बाद अमेरिका में फेडरल कर्मचारियों की संख्या कम करने की कोशिशें तेज हो गई हैं. उन्होंने फेडरल कर्मचारियों को एक नया प्रस्ताव दिया है, जिसे स्वीकार करते हुए 40,000 कर्मचारियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. ट्रंप ने कर्मचारियों को बायआउट का ऑफर दिया है, जिसकी अंतिम तारीख 6 फरवरी है.
क्या है बायआउट ऑफर
ट्रंप ने फेडरल कर्मचारियों को बायआउट का ऑफर दिया था, जिसकी अंतिम तारीख 6 फरवरी है. ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों को बायआउट, यानी स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने का प्रस्ताव दिया था. इस स्कीम के तहत, नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों को 30 सितंबर तक वेतन दिया जाएगा. कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के बदले 8 महीने का वेतन और निश्चित भत्ता मिलेगा.
उम्मीद से कम लोग हुए शामिल
व्हाइट हाउस को उम्मीद थी कि इस बायआउट में 200,000 कर्मचारी शामिल होंगे, लेकिन यह स्कीम उम्मीद के मुताबिक सफल नहीं रही. अब तक केवल 40,000 कर्मचारी ही इसमें शामिल हुए हैं. चूंकि आज इसकी अंतिम तारिख है, इसलिए माना जा रहा है कि और भी लोग इसमें शामिल हो सकते हैं.
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फैसले का हो रहा विरोध
इस्तीफा योजना की घोषणा ईमेल के जरिए की गई थी. ट्रंप प्रशासन की यह पहल सरकारी खर्चों में कटौती की रणनीति का हिस्सा है. अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियनों ने सामूहिक इस्तीफे की इस योजना को रोकने के लिए मुकदमा दायर किया है. अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्प्लॉइज (AFGE) के अध्यक्ष एवरेट केली ने मंगलवार दोपहर एक बयान में कहा, “हम चुप नहीं बैठेंगे और अपने मेंबर को इस धोखाधड़ी का शिकार नहीं बनने देंगे.”
मंगलवार को, केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) अपने कर्मचारियों को यह प्रस्ताव देने वाली पहली राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी बन गई. उसने अपने सभी कर्मचारियों को बताया कि वे नौकरी छोड़ सकते हैं और उन्हें लगभग आठ महीने का वेतन और अन्य सुविधाएं मिलेंगी.