अमेरिका की पॉपुलर Spirit Airline बैंकरप्टसी की कगार पर, फ्लाइट की टिकटों में होगा इजाफा
अमेरिका की सबसे बड़ी बजट वाली स्पिरिट एयरलाइन ने बैंकरप्टसी से बचने के लिए आवेदन किया. कंपनी पर 2.5 बिलियन डॉलर का नुकसान और 1 बिलियन डॉलर का कर्ज है.
अमेरिका की सबसे बड़ी बजट वाली स्पिरिट एयरलाइन ने सोमवार को बैंकरप्टसी से बचने के लिए आवेदन किया. कंपनी ने कहा कि वह अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए चैप्टर 11 प्रक्रिया के तहत काम करेगी. एयरलाइन ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया से यात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी और सभी टिकट, क्रेडिट, लॉयल्टी प्वाइंट्स और संबंधित क्रेडिट कार्ड मेंबरशिप के फायदे वैसे ही मिलेंते रहेंगे.
कंपनी ने अपने रिपोर्ट में बताया है, स्पिरिट एयरलाइन को 2020 से अब तक 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है और कंपनी पर 1 बिलियन डॉलर से अधिक का कर्ज भी है. हालांकि, कंपनी ने आश्वस्त किया कि वह इस बैंकरप्टसी प्रक्रिया के दौरान भी अपनी सेवाएं जारी रखेगी और ग्राहकों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा.
क्या बोला स्पिरिट के CEO ने?
जब खबर आई कि एयरलाइन अपने कर्ज को चुकाने के लिए बॉन्डहोल्डर्स के साथ बातचीत कर रही है, तो स्पिरिट के शेयर शुक्रवार को 25% गिर गए थे. पिछले कुछ सालों में कंपनी के शेयरों में 97% की गिरावट आई है. अब वह अपनी स्थिति सुधारने के लिए संघर्ष कर रही है. हालांकि, सोमवार को शेयरों में 4% का हल्का उछाल देखा गया. स्पिरिट के CEO टेड क्रिस्टी ने अगस्त में कहा था कि एयरलाइन अपने कर्ज से निपटने और नई सेवाओं को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा “हमारा ध्यान कर्ज का समाधान निकालने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने पर है.”
दूसरी कंपनियों को मिलेगा फायदा
बता दें स्पिरिट ने इस साल के अंत तक अपनी उड़ान कार्यक्रम में 20% तक की कमी करने का निर्णय लिया है, जिससे किराए में वृद्धि होने की संभावना है. हालांकि, कंपनी के दिवालिया पन में जाने से दूसरे कंपनीयों को फायदा हो सकता है, जिनमें जेटब्लू, फ्रंटियर और साउथवेस्ट एयरलाइंस शामिल हैं. साल 2022 में फ्रंटियर एयरलाइंस ने स्पिरिट के साथ विलय करने की कोशिश की थी, लेकिन जेटब्लू ने इस सौदे को पीछे छोड़ दिया. अमेरिकी न्याय विभाग ने इस 3.8 बिलियन डॉलर के सौदे को प्रतियोगिता के उल्लंघन के रूप में ब्लॉक कर दिया और दोनों एयरलाइनों को अपना विलय रद्द करना पड़ा.