क्रिसमस पर अमेरिकी एयरलाइन के टूट गए शेयर, इस वजह से फीका हुआ फेस्टिवल

क्रिसमस की शाम अमेरिकी एयरलाइंस को अपने फ्लाइट्स को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा. जिसका असर अमेरिकन एयरलाइंस के शेयरों में 1.9 फीसदी की गिरावट के रुप में देखी गई. आइए इसके पीछे की वजह जानते हैं.

American airlines Image Credit: American airlines

एक तरफ क्रिसमस के उत्सव की तैयारियां देश-विदेश में चल रही थी. वहीं, दूसरी तरफ अमेरिकी एयरलाइंस को अपने फ्लाइट्स को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा. जिसका असर बीते कारोबारी दिन, यानी 24 दिसंबर को अमेरिकन एयरलाइंस के शेयरों में 1.9 फीसदी की गिरावट के रुप में देखी गई. जिसके पीछे की वजह क्रिसमस शाम पर आई तकनीकी खराबी थी. जिसके चलते एयरलाइन को अमेरिका में अपनी सभी फ्लाइट्स को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा. हालांकि, यह समस्या सुबह 8 बजे भारतीय समयानुसार शाम 6:30 बजे से पहले सुलझा ली गई. जिससे उड़ानें फिर से शुरू हो गई. आइए पूरी खबर जानते हैं.

क्या हुआ था?

फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने बताया कि, अमेरिकन एयरलाइंस ने तकनीकी समस्या की वजह से देशभर में ग्राउंड स्टॉप यानी फ्लाइट रोकने का आदेश लगाया था. कंपनी ने बाद में बताया कि यह समस्या एक वेंडर की तकनीकी खराबी के कारण हुई थी. जिसके कारण फ्लाइट रिलीज से जुड़े सिस्टम प्रभावित हुए. जिसके बाद कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर बताया कि उनकी फ्लाइट रनवे पर रुकी हुई थी और बाद में गेट पर वापस भेज दी गई. यह घटना उस समय देखने को मिल रही है जब छुट्टियों के दौरान अधिकतर फ्लाइट्स पूरी तरह बुक रहती हैं, जिससे यात्रियों को और भी ज्यादा असुविधा हुई.

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मौसम का भी असर

इस घटना के समय न्यूयॉर्क में बर्फबारी हो रही थी. इसके अलावा अमेरिकन एयरलाइंस के मुख्य हब डालास-फोर्ट वर्थ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बारिश देखने को मिल रही थी. सबसे ज्यादा देरी वाले एयरपोर्ट्स में डालास-फोर्ट वर्थ के बाद चार्लोट, नॉर्थ कैरोलिना, वाशिंगटन, न्यूयॉर्क, शिकागो और मियामी शामिल रहे.

कुछ महीने पहले भी आई थी ऐसी समस्या

अमेरिकन एयरलाइंस की यह दिक्कत कुछ महीनों बाद हुई है, जब एक बड़ी तकनीकी खराबी की वजह से कई एयरलाइंस को परेशानी हुई थी. उस समय समस्या माइक्रोसॉफ्ट के Azure क्लाउड और क्राउडस्ट्राइक के सॉफ़्टवेयर में आई थी. हर दिन 350 से अधिक स्थानों पर 60 से ज्यादा देशों में हजारों उड़ानों का संचालन करती है. इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि तकनीकी समस्याएं बड़े पैमाने पर एयरलाइन संचालन और यात्रियों को कितनी प्रभावित कर सकती हैं.