Apple ने कई भारतीयों सहित 185 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, दिलचस्प अंदाज में लगा रहे थे चूना
Apple ने अपने कूपर्टीनो स्थित मुख्यालय में कार्यरत कई भारतीयों सहित 185 कंपनियों को नौकरी से निकाल दिया है. ये कर्मचारी बेहद दिलचस्प अंदाज में एपल को चूना लगा रहे थे. उनके इस फ्रॉड का खुलासा लॉस एंजेलिस में एक काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ने किया है. जानिए क्या है पूरा मामला.
टेक दिग्गज एपल ने कंपनी के साथ धोखाधड़ी कर रहे 185 कर्मचारियों को टर्मिनेट कर दिया है. इनमें से कई भारतीय हैं. अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक ये कर्मचारी मैचिंग ग्रांट प्रोग्राम के जरिये कंपनी को चूना लगा रहे थे. अमेरिकी न्यूज पोर्टल NBC Los Angeles ने इस मामले को रिपोर्ट करते हुए बताया कि सबसे पहले 3 दिसंबर, 3024 को सबसे पहले 6 लोगों का नाम सैंटा क्लारा काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय ने उजागर किया था.
इसके बाद जांच में पता चला कि यह बड़े स्तर पर एपल के कर्मचारी कंपनी के इस चैरिटी प्रोग्राम का दुरपयोग कर रहे हैं. एनबीसी ने अपनी रिपोर्ट में लॉस एंजेलिस अटॉर्नी कार्यालय के हवाला से बताया है कि एपल ने कई कर्मचारियों को अपने मैचिंग ग्रांट प्रोग्राम का दुरुपयोग करने का दोषी पाए जाने पर नौकरी से निकाल दिया है.
ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक एपल ने अपने चैरिटेबल मैचिंग ग्रांट प्रोग्राम से जुड़ी धोखाधड़ी की जांच के बाद कूपर्टीनो स्थित अपने मुख्यालय से 185 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. वहीं, इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस धोखाधड़ी में कथित रूप से कुछ गैर-लाभकारी संगठनों (NGO) के साथ कर्मचारियों की मिलीभगत थी. इनमें से कुछ NGO का संबंध भारतीय समुदाय से भी था.
क्या है मैचिंग ग्रांट प्रोग्राम
यह एपल की एक कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल है. इसके तहत एपल अपने कर्मचारियों की तरफ से दान की गई राशि के बराबर राशि दान करता है. इसके तहत कर्मचारी पात्र गैर-लाभकारी संस्थाओं में से अपनी पसंद की संस्था के लिए डोनेशन दे सकते हैं. यह कार्यक्रम कर्मचारियों में धर्मार्थ दान की भावना बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है.
कैसे कर रहे थे फ्रॉड
आरोपों के मुताबिक कुछ कर्मचारियों ने गैर-लाभकारी संस्थाओं के साथ मिलकर दान में हेराफेरी की थी. असल में कर्मचारियों ने पहले दान किया, जिसके बाद एपल ने भी उन संस्थाओं को उतना ही दान किया. लेकिन, कर्मचारियों ने उन संगठनों से अपनी दान की हुई राशि को वापस ले लिया और एपल की तरफ से किए गए दान को अपने पास रख लिया.
तीन साल से जारी धोखाधड़ी
NBC की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की तरफ से टर्मिनेट किए गए कर्मचारियों में से 6 का नाम अटॉर्नी कार्यालय की जांच में सामने आया है. इनमें सिउ केई, याथेई यूएन, याट सी एनजी, वेंटाओ ली, लिचाओ नी और झेंग चांग शामिल हैं. सेंटा क्लारा काउंटी के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय के मुताबिक इन सभी ने तीन साल में एपल को करीब 1,52,000 डॉलर का चूना लगाया है.
चाइनीज कल्चरल सेंटर बना ठगी का अड्डा
NBC की रिपोर्ट के मुताबिक यह पूरी धोखाधड़ी दो गैर-लाभकारी संस्थाओं (NGO) के इर्द-गिर्द केंद्रित थी. इनमें अमेरिकन चाइनीज इंटरनेशनल कल्चरल एक्सचेंज (ACICE) और हॉप4किड्स शामिल हैं. इस धोखाधड़ी में हॉप4किड्स का सीईओ और ACICE का एक अकाउंटेंट शामिल पाया गया है.
कैसे हुआ खुलासा
एपल कर्मचारियों और NGO अधिकारियों की यह मिलीभगत असल में टैक्स रिटर्न में हुई गलती से पकड़ में आई. कर्मचारियों ने अपने टैक्स रिटर्न अपने और एपल की तरफ से किए गए दान दोनों का क्लेम किया. इस तरह कर विभाग ने इस गलती को पकड़ लिया और इन कर्मचारियों के खिलाफ कैलिफोर्निया राज्य को धोखा देने के मामले में अभियोग चलाया है. एपल ने फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है.