ट्रंप टैरिफ के बीच सिटीग्रुप ने S&P 500 इंडेक्स के टारगेट को किया ‘डाउनग्रेड’, हुआ 6000 पॉइंट से नीचे
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटीग्रुप ने अमेरिकी इक्विटी इंडेक्स को लेकर अपनी रेटिंग घटा दी है. ब्रोकरेज ने S&P 500 इंडेक्स के टारगेट को घटा दिया है. फर्म ने इसके पीछे ट्रंप की टैरिफ के कारण अनिश्चितताओं को वजह बताई. इसी के साथ सिटीग्रुप ने कई दूसरे इंडेक्स को लेकर भी अपना रुख साफ किया है.

Citigroup Downgrade S&P index: ब्रोकरेज फर्म सिटीग्रुप ने अमेरिकी इक्विटी पर अपने रुख को घटा दिया है. सिटीग्रुप ने इस साल के लिए अपने S&P 500 इंडेक्स टारगेट को घटा दिया है. ब्रोकरेज को उम्मीद है कि ट्रंप की टैरिफ से असामंजस्य बना हुआ है. इससे कॉर्पोरेट अमेरिकी इनकम पर असर पड़ेगा. इंडेक्स को लेकर अपने बदले रुख के बाद सिटीग्रुप, गोल्डमैन सैक्स और बोफा सहित उन ब्रोकरेज फर्मों में शामिल हो चुका है जिन्होंने अपने बेंचमार्क इंडेक्स के टारगेट को 6000 अंकों से घटा दिया है.
क्या था सिटीग्रुप का पुराना टारेगट?
ब्रोकरेज सिटी का इस साल के आखिर तक का टारगेट 5800 हो गया है. इससे पहले, फर्म ने 6500 अंक का अनुमान दिया था जिसे उसने घटा दिया है. इससे इतर, इंडेक्स के प्रति अर्निंग-पर-शेयर (EPS) को भी 270 डॉलर से घटाकर 255 डॉलर कर दिया है. सिटी के विश्लेषकों ने पिछले सप्ताह एक नोट में कहा, “टैरिफ से जुड़ा आकलन और हालिया मैक्रो स्लोइंग के संकेत, दोनों ही डाउनग्रेड की ओर इशारा करते हैं. पॉलिसी लेवल पर अनिश्चितता के कारण वैल्यूएशन में कुछ कमी आ सकती है.”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की लगातार बढ़ रही टैरिफ नीति ने वित्तीय बाजार में अनिश्चितता को बढ़ावा दिया है. हाल में अधिकांश इंपोर्ट पर 90 दिनों की रोक लगा दी गई है वहीं कुछ चीनी प्रोडक्ट्स को छूट भी दी गई है. इससे वित्तीय स्थिति और भी तंग हो सकती है.
बाकी देशों की भी बदली रेटिंग
सोमवार को एक अलग नोट में वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज ने ऊंचे वैल्यूएशन और बढ़ते डाउनग्रेड दबावों के बीच अमेरिकी शेयरों पर अपने टैग्स को ‘ओवररेटेड’ से घटाकर ‘न्यूट्रल’ कर दिया था. सिटीग्रुप ने कहा, “जीडीपी और ईपीएस, दोनों ही नजरिये से एक्सेप्शन लिज्म खत्म हो रहा है. टैरिफ से अमेरिकी EPS पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.” उन्होंने ये भी कहा कि वैश्विक मंदी की चिंताएं फिलहाल कम हो रही हैं, लेकिन रिस्क अभी भी बना हुआ है. ब्रोकरेज ने जापान के शेयरों को भी ‘अंडरवेट’ से अपग्रेड करके ‘ओवररेट’ कर दिया. और उभरते बाजारों के शेयरों को ‘न्यूट्रल’ से डाउनग्रेड करके ‘अंडरवेट’ कर दिया है.
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