अडानी समूह को बड़ा झटका, केन्या की अदालत ने बिजली समझौते पर लगाई रोक

केन्या की एक अदालत ने अडानी समूह की कंपनी अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के एक सौदे पर रोक लगा दी है. बिजली नेटवर्क बनाने और चलाने के लिए अडानी समूह ने केन्या की केट्राको के साथ 73.6 करोड़ डॉलर का सौदा किया है.

अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस Image Credit: TV9 Bharatvarsh

अडानी समूह की कंपनी अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के केन्याई कंपनी के साथ हुए एक समझौते को निलंबित कर दिया गया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक केन्या की एक अदालत ने शुक्रवार को अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस और केन्याई सरकारी कंपनी केट्राको के बीच हुए समझौते को निलंबित कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक दोनों कंपनियों के बीच केन्या में बिजली नेटकर्व बनाने और उसके संचालन को लेकर 73.6 करोड़ डॉलर का सौदा हुआ था.

इस सौदे के तहत अडानी की कंपनी को केन्या में बिजली की ट्रांसमिशन लाइन सहित बिजली वितरण का बुनियादी ढांचा तैयार करना था. लेकिन, केन्याई संस्था लॉ सोसाइटी ऑफ केन्या ने इस सौदे को केन्या के संविधान के खिलाफ बताते हुए इसे अदालत में चुनौती दी है. फिलहाल, अदालत ने इस मामले में दोनों कंपनियों को इस सौदे को अंतिम फैसला नहीं होने तक निलंबित करने का आदेश दिया है.

क्या हुआ था सौदा

इस सौदे के तहत अडानी एनजी सोल्यूशंस को केन्या में 30 साल तक बिजली वितरण के बुनियादी ढांचे को बनाने और चलाने का काम करना था. लेकिन, केन्याई अदालत ने फिलहाल इस सौदे पर रोक लगाते हुए कहा है कि जब तक लॉ सोसाइटी ऑफ केन्या की तरफ से दायर वाद पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता है, सरकार इस सौदे को आगे नहीं बढ़ाएगी.

सौदे से क्या आपत्ति

लॉ सोसाइटी ऑफ केन्या का कहना है कि इस सौदे में पारदर्शिता का अभाव है. इसके अलावा इतना बड़ा सौदा जनता की राय लिए बिना ही किया जा रहा है, जबकि जनता इस सौदे की सबसे बड़ी हितधारक है. इसके साथ ही दावा किया है कि यह सौदा केन्या के पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप एक्ट 2021 का उल्लंघन करता है. कानून के तहत किसी भी सरकारी परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी देने से पहले जनता की राय लेना अनिवार्य है.

सरकार का क्या है रुख

केन्या के ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि इस सौदे में किसी नियम का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. अडानी समूह को यह काम पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के बाद लगाई गई सर्वश्रेष्ठ बोली के आधार पर दिया गया है. इसके साथ ही केन्या के ऊर्जा मंत्रालय का कहना था कि यह सौदा केन्या में बिजली की किल्लत को हमेशा के लिए दूर करने वाला है. इससे केन्या के लिए आर्थिक विकास के नए रास्ते खुलेंगे.