Bitcoin अब ऑस्ट्रेलिया-मेक्सिको से भी बड़ा, 24 घंटे में हो गया बड़ा खेला

बिटकॉइन ने 5 दिसंबर को $100,000 का ऐतिहासिक स्तर पार किया और इसका मार्केट कैप $2.03 ट्रिलियन से ऊपर पहुंच गया. इसके साथ ही बिटकॉइन ने ऑस्ट्रेलिया और मेक्सिको की जीडीपी को पीछे छोड़ दिया

बिटकॉइन की जोरदार छलांग. Image Credit: Getty image

बिटकॉइन ने गुरुवार, 5 दिसंबर को ऐतिहासिक उछाल के साथ $100,000 की कीमत पर पहुंच गया है और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन $2.03 ट्रिलियन का आंकड़ा पार कर गया. पिछले 24 घंटे में ही इसमें 6.2 प्रतिशत की उछाल देखी गई है. इसके साथ ही इसने ऑस्ट्रेलिया और मेक्सिको सहित कई देशों की जीडीपी को पीछे छोड़ दिया है.

इससे पहले क्रिप्टोकरेंसी ने मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ दिया था, जिनमें सऊदी अरामको ($1.796 ट्रिलियन), सिल्वर ($1.791 ट्रिलियन), फेसबुक ($1.549 ट्रिलियन) और एलन मस्क की टेस्ला ($1.148 ट्रिलियन) शामिल हैं. इस उछाल के साथ यह दुनिया की सबसे मूल्यवान संपत्ति बन गई है.

अचानक उछाल क्यों आया?

इस उछाल के पीछे एक बड़ा कारण अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) के अध्यक्ष पद पर पॉल एटकिंस की नियुक्ति है. पॉल को क्रिप्टो के समर्थक माने जाते हैं. डिजिटल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने क्रिप्टो को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम किया था. उनकी नियुक्ति से निवेशकों में एक विश्वास पैदा हुआ है.

इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रंप की क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए बयान से भी निवेशकों में एक भरोसा पैदा हुआ है. ट्रंप ने एक बयान में कहा था कि वह मानते हैं कि डिजिटल करेंसी का प्रयोग करके अमेरिका तेजी से विकास कर सकता है.

रूस के रुख से निवेशकों में उत्साह

बिटकॉइन के बढ़ते मूल्य में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया टिप्पणियों का भी अहम योगदान है. एक निवेश सम्मेलन में पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस की जब्त की गई $300 बिलियन की संपत्ति का उदाहरण देते हुए कहा था कि अगर ये संपत्तियां क्रिप्टोकरेंसी में होतीं तो इन्हें कोई जब्त नहीं कर पाता.

अपने बयान में उन्होंने इसके उपयोग पर भी जोर देते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर भी बल दिया था. उन्होंने यह भी कहा कि बिटकॉइन की यह विशेषता इसे राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रखती है. राष्ट्रपति पुतिन की ये टिप्पणियां उस समय आई हैं जब रूस ने क्रिप्टो माइनिंग और क्रॉस-बॉर्डर ट्रेड को बढ़ावा देने के लिए कानूनों को लागू किया है, जिससे डिजिटल करेंसी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है.

रूस के इन कदमों पर जानकारों का कहना है कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों में उत्साह पैदा हुआ है और हो सकता है कि दुनिया के अन्य देश भी रूस के मॉडल को अपनाएं.

$3.69 ट्रिलियन तक पहुंची क्रिप्टो मार्केट

इन उछाल के बीच, अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो मार्केट का कुल कैपिटलाइजेशन अब $3.69 ट्रिलियन तक पहुंच चुका है, जिसमें बिटकॉइन सबसे आगे है. इसके बाद इथेरियम ($471 बिलियन), XRP ($139 बिलियन), टीथर ($135 बिलियन), सोलाना ($112 बिलियन), BNB ($105 बिलियन) और डॉगकॉइन ($64 बिलियन) शामिल हैं.

इन देशों की जीडीपी को पछाड़ा

बिटकॉइन का मार्केट कैपिटलाइजेशन अब मेक्सिको ($1.85 ट्रिलियन), ऑस्ट्रेलिया ($1.8 ट्रिलियन), और स्पेन ($1.73 ट्रिलियन) की जीडीपी को पीछे छोड़ चुका है. और यह रूस ($2.18 ट्रिलियन), ब्राजील ($2.19 ट्रिलियन), और कनाडा ($2.21 ट्रिलियन) की GDP से मात्र $0.15 ट्रिलियन कम है.

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी है, जिसका लेन-देन एक सीरियल नंबर से किया जाता है. यह करेंसी भौतिक रूप से मौजूद नहीं होती, जैसे पेपर मनी और सिक्के, और आमतौर पर किसी अधिकृत संस्था द्वारा जारी नहीं की जाती है, जिसका मतलब है कि इस पर किसी का नियंत्रण नहीं होता. क्रिप्टोकरेंसी पर किसी देश, सरकार या संस्था का अधिकार नहीं होता है, और ना ही कोई संस्था इसकी कीमत को तय और नियंत्रित करती है. इसकी कीमत पूरी तरह मार्केट की डिमांड पर तय होती है.