कनाडाई पीएम ट्रूडो का इस्तीफा! नहीं लड़ेंगे चुनाव, भारत को लेकर क्या कहा?

पिछले 9 वर्ष से कनाडा के प्रधानमंत्री और 11 वर्ष से लिबरल पार्टी के नेता जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार 6 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया. पीएम पद के साथ ही उन्होंने सत्ताधारी लिबरल पार्टी का नेता पद भी छोड़ने का ऐलान किया है.

सोमवार 7 जनवरी को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ट्रूडो Image Credit: CBC live Broadcast

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रृडो ने सोमवार 7 जनवरी को एक प्रेस वार्ता के दौरान इस्तीफा देने का ऐलान किया. ट्रृडो 2013 से कनाडा की लिबरल पार्टी के नेता हैं और नवंबर 2015 से कनाडा के प्रधानमंत्री पद पर आसीन हैं. ट्रृडो कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री हैं. कनाडा के राजकीय प्रसारक CBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रृडो ने सोमवार को कनाडा के प्रधानमंत्री पद के साथ ही लिबरल पार्टी के नेता का पद भी छोड़ने का ऐलान किया. फिहलाल, वे लिबरल पार्टी की तरफ से नया नेता और प्रधानमंत्री चुने जानते तक कनाडा के प्रधानमंत्री बने रहेंगे.

वहीं, बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रूडो ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा, ”प्रधानमंत्री के रूप में हर एक दिन सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात है. मैंने कोविड महामारी के दौरान देश की सेवा की, मजबूत लोकतंत्र के लिए काम किया, बेहतर कारोबार के लिए काम किया. आप सभी को पता है कि मैं फाइटर हूं.”

कनाडा में इस साल नवंबर में संघीय चुनाव होने हैं. ट्रूडो पर लगातार उनकी पार्टी और विपक्ष की तरफ से कई आरोप लगाए जा रहे हैं. खासतौर पर खालिस्तान समर्थक कट्टटरपंथियों को राजनीतिक संरक्षण देने और भारत के साथ संबंध खराब करने की वजह से ट्रृडो अपनी ही पार्टी में घिरने लगे हैं. सोमवार को पीएम पद छोड़ने का ऐलान करते हुए भी टृूडो ने कहा कि उनकी पार्टी में उनके नेतृत्व को लेकर आमराय नहीं है, ऐसे में वे आने वाले चुनाव में खुद को पार्टी को लीड करने वाले व्यक्ति के तौर पर नहीं देखते हैं.

अपनी पार्टी के नेताओं ने घेरा

ट्रूडो पर अपनी पार्टी के कॉकस सहित तमाम जनमत सर्वेक्षण में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोइलिवर से भारी अंतराल से पिछड़ रहे हैं. इसकी वजह से ही ट्रूडो पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ा. क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टिटियों के दौरान उनकी ही पार्टी के दो से ज्यादा सांसदों और कई अटलांटिक कनाडा, क्यूबेक और ओंटारियो जैसे रीजनल कॉकस ने उनसे पद छोड़ने का आह्वान किया.

भारत को लेकर क्या कहा?

ट्रूडो के मौजूदा कार्यकाल का सबसे बड़ा हाइलाइट पॉइंट कनाडा-भारत के रिश्ते खराब होना है. सोमवार को उन्होंने अपने वक्तव्य में भारत को लेकर कुछ नहीं कहा. लेकिन, ट्रूडो ने सितंबर 2023 में बिना सबूतों के कनाडाई संसद में आरोप लगाया गया था कि भारत ने खालिस्तान समर्थक हरदीप निज्जर की हत्या कराई है. इसके साथ ही कनाडा ने बिना किसी चेतावनी के भारतीय राजनयिकों को कनाडा से निष्कासित कर दिया. इसके बाद से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में भारी तनाव आ गया. यहां तक कि बीच में दोनों देशों के बीच वीजा सेवाएं भी प्रभावित रहीं. पिछले वर्ष अक्टूबर में ट्रृडो ने यह स्वीकार भी किया कि निज्जर मामले में भारत के खिलाफ कनाडा के पास कोई सबूत नहीं है.