इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए चीन की एक और बड़ी कोशिश, सस्ते लोन पर बड़ा ऐलान!
चीन के केंद्रीय बैंक, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने एक साल की लोन प्राइम रेट (LPR) को 3.1 फीसदी और 5 साल की LPR को 3.6 फीसदी पर बरकरार रखा है. ये दरें बैंकों के सबसे अच्छे ग्राहकों को दिए जाने वाले ऋणों पर लागू होती हैं. आइए जानते हैं कि ऐसा करके चाइना क्या करना चाहता है.
चीन के केंद्रीय बैंक, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने अपनी मुख्य उधार दरों को स्थिर रखा है. इसका मकसद ब्याज दरों में कटौती की बजाय वित्तीय स्थिरता को प्राथमिकता देना है. चीन सरकार फिलहाल ट्रेड वार और मुद्रा के उतार-चढ़ाव के बीच घरेलू मांग को बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है. आइए इस खबर को विस्तार से समझते हैं.
ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
गुरुवार को PBOC ने 1 साल की लोन प्राइम रेट (LPR) को 3.1 फीसदी और 5 साल की LPR को 3.6 फीसदी पर स्थिर रखा है.
- 1 साल की LPR का असर छोटे कर्ज और कंपनियों के लोन पर पड़ता है.
- 5 साल की LPR आमतौर पर होम लोन (मॉर्टगेज) के लिए इस्तेमाल होती है.
- ये दरें उन चुनिंदा वाणिज्यिक बैंकों द्वारा प्रस्तावित दरों के आधार पर तय की जाती हैं, जिन्हें PBOC की ओर से अथॉराइज्ड किया गया है.
मुद्रा को स्थिर बनाए रखने की कोशिश
- बीते कुछ महीनों में चीन की मुद्रा युआन पर दबाव बढ़ा है. ग्लोबल मार्केट में डॉलर के मुकाबले युआन की कीमत गिर रही है, लेकिन चीन इसे स्थिर बनाए रखने की कोशिश कर रहा है. PBOC के गवर्नर पैन गोंगशेंग ने हाल ही में कहा कि एक स्थिर युआन ग्लोबल फाइनेंशियल और इकोनॉमिक स्टेबिलिटी के लिए जरूरी है.
- हालांकि, एक कमजोर युआन चीन के निर्यात को सस्ता बनाता है, जिससे विदेशी बाजारों में चीन के उत्पादों की मांग बढ़ सकती है. लेकिन दूसरी ओर, एक मजबूत युआन आयात को महंगा कर देता है, जिससे घरेलू उपभोक्ताओं पर असर पड़ सकता है.
अमेरिका-चीन व्यापार तनाव का असर
चीन की अर्थव्यवस्था पहले से ही सुस्ती के दौर से गुजर रही है और अमेरिका द्वारा लगाए गए नए आयात शुल्क (टैरिफ) ने इस दबाव को और बढ़ा दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सभी सामानों पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जो पहले से लागू 25 फीसदी तक के टैरिफ के अतिरिक्त है. इस फैसले से चीन के व्यापार को झटका लग सकता है और युआन पर और अधिक दबाव आ सकता है.
आर्थिक सुधारों पर जोर
इन चुनौतियों के बीच, बीजिंग अब घरेलू कंजप्शन को बढ़ाने पर जोर दे रहा है. सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह प्रोएक्टिव फिस्कल पॉलिसी और उदार मौद्रिक नीति को अपनाएगी.