चीन में बढ़ता डिफ्लेशन संकट! 13 महीनों में पहली बार खुदरा महंगाई शून्य से नीचे

चीन में उपभोक्ता महंगाई दर 13 महीनों में पहली बार शून्य से नीचे चली गई है, जिससे अर्थव्यवस्था में मंदी के दबाव का संकेत मिलता है. फरवरी में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 0.7 फीसदी घटा, जबकि जनवरी में 0.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी. चंद्र नव वर्ष की जल्दी शुरुआत और मौसमी प्रभावों के कारण यह गिरावट देखी गई.

चीन में डिफ्लेशन का संकट. Image Credit: AI generated

Inflation in China: चीन में कंज्यूमर महंगाई दर 13 महीनों में पहली बार शून्य से नीचे गिर गई है. यह गिरावट मौसमी फैक्टर्स के कारण हुई है, जो अर्थव्यवस्था में लगातार जारी मंदी के दबाव को दर्शाती है. राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) फरवरी में पिछले साल की तुलना में 0.7 फीसदी घटा, जबकि जनवरी में इसमें 0.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी.

हालांकि अर्थशास्त्रियों के सर्वेक्षण में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में 0.4 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया गया था. खास बात यह है कि फैक्ट्री डिफ्लेशन 29वें महीने तक जारी रही. हालांकि प्रोडक्शन प्राइस इंडेक्स में जनवरी के नकारात्मक 2.3 फीसदी की तुलना में 2.2 फीसदी की धीमी गिरावट दर्ज की गई. पिछले हफ्ते, चीनी सरकार ने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस को दी गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट में घरेलू मांग और उपभोक्ता खर्च बढ़ाने पर जोर दिया था. हालांकि, अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए कोई बड़ा नया कदम नहीं उठाया गया.

ये भी पढ़ें- चीन के स्कूलों में शुरू होगा AI कोर्स, इस तरह के स्टूडेंट्स करेंगे पढ़ाई

क्या होता है चंद्र नव वर्ष

महंगाई में गिरावट की एक बड़ी वजह पिछले साल की हाई कीमतें हो सकती हैं, जो चंद्र नव वर्ष के दौरान बढ़े खर्च की वजह से थीं. 2025 में यह त्योहार जल्दी शुरू हुआ, जिससे यह असर दिखा. दरअसल, चंद्र नव वर्ष वह समय होता है जब लोग यात्रा, खाने-पीने और मनोरंजन पर ज्यादा खर्च करते हैं. यह त्योहार चंद्रमा के चक्र पर आधारित होता है और इस साल यह जनवरी के अंत में आ गया, जबकि आमतौर पर फरवरी में आता है.

CPI में केवल 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी

छुट्टियों के दौरान बढ़े खर्च से जनवरी में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 0.5 फीसदी तक बढ़ाने में मदद की. सरकारी सांख्यिकी ब्यूरो के विशेषज्ञ डोंग लिजुआन के मुताबिक, अगर त्योहार के असर को हटाकर देखें तो CPI में सिर्फ 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो अभी भी आदर्श स्तर से काफी कम है.

ये भी पढ़ें- अंडे से क्यों परेशान हैं ट्रंप, बड़ी कंपनियों पर लग रहे इल्जाम; आरोप-प्रत्यारोप का चल रहा खेल

कीमतों में गिरावट के कारण

डोंग का कहना है कि फरवरी में कीमतों में गिरावट के पीछे दो और वजहें थीं. पहली, अच्छे मौसम की वजह से कृषि उत्पादन बढ़ा, जिससे ताजी सब्जियों की कीमतें कम हो गईं. दूसरी, गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनियों ने ज्यादा प्रचार किया, जिससे नई कारों की कीमतें घट गईं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक कीमतों को मापने वाला प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स फरवरी में 2.2 फीसदी गिर गया.